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Ranchi Sukurhutu Gaushala: रांची में गोबर से बनेगा पेंट, बाजार से 50% कम होगा दाम, ये है इस पेंट के फायदे

Updated May 30, 2022 | 11:34 IST

Ranchi Sukurhutu Gaushala: रांची में अब गाय के गोबर से पेंट बनाया जाएगा। यह बाजार में बिकेगा। इसकी कीमत भी बाजार में बिक रहे पेंट से काफी होगी। गोबर से पेंट बनाने का काम गोशाला में होगा।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
गोशाला में गोबर से बनेगा पेंट (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुख्य बातें
  • झारखंड में पहली बार गोबर से बनाया जाएगा पेंट
  • जयपुर से ट्रेनिंग लेकर आए मनीष जैन की देखरेख में होगा उत्पादन
  • बाजार के पेंट से 40 से 50 प्रतिशत तक सस्ता होगा यह पेंट

Ranchi Sukurhutu Gaushala: सूबे में पहली बार गाय के गोबर का इस्तेमाल पेंट बनाने में किया जाएगा। गाय के गोबर से पेंट बनाने की पहल रांची स्थित सुकुरहुट गोशाला ने की है। इस गोशाला में ही गाय के गोबर से पेंट बनाया जाएगा और बाजार में बिक्री की जाएगी। अगले तीन महीने में पेंट का उत्पादन शुरू हो जाएगा। बाजार में उपलब्ध पेंट से इसकी कीमत 40 से 50 प्रतिशत तक कम होगी। 

रांची गोशाला न्यास के सचिव प्रदीप राजगढ़िया का कहना है कि, प्राकृतिक पेंट बनाने की यह योजना पहले से चल रही है। सलाहकार मनीष जैन ने जयपुर में इसकी ट्रेनिंग ली है। अब इनको उत्पादन का कार्यभार दिया गया है। 

120 रुपए प्रति किलो मिलेगा डिस्टेंपर

मनीष कुमार जैन के अनुसार, गोबर को संशोधित करके डिस्टेंपर और इमल्शन पेंट बनाया जाएगा। लोगों को प्रति किलो डिस्टेंपर 120 रुपए में मिलेगा। 225 रुपए प्रति किलो इमल्शन पेंट मिल जाएगा। मनीष जैन ने बताया कि, इस प्लांट के शुरू होने से अभी 50 लोगों को तुरंत रोजगार भी मिलेगा। कुछ समय बाद इसका विस्तार किया जाएगा। 

गोबर से बने पेंट की क्या होगी खासियत

मनीष जैन के मुताबिक, गोबर से बनने वाला यह पेंट बीआई एस सर्टिफाइड रहेगा। मतलब इसे मिलाना बेहद आसाना होगा। दीवार या कहीं और लगाने के बाद यह 4 घंटे में ही सूख जाएगा। इसकी फिनिशिंग काफी बढ़िया रहेगी। पेंट की खास बात है कि, यह अल्ट्रा वायलेट रेडिएशन से भी बचाता है। 

पेंट में नहीं होंगे खतरनाक धातु

इस पेंट में आर्सेनिक, मर्करी, क्रोमियम आदि भारी एवं खतरनाक धातु नहीं रहेंगे। ऐसे में गलती से यह पेंट मुंह में गया भी तो कोई नुकसान नहीं होगा। इस पेंट को करते समय इसमें महक नहीं होगी। रांची गोशाला न्याय के अध्यक्ष पुनीत पोद्दार का कहना है कि, गोशालाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए गौशाला के सभी सदस्य प्रयास करते रहते हैं। पेंट के उत्पादन से होने वाली आय से गोशाला का विकास किया जाएगा।