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Ranchi Road Rush: जाम ने ले ली नवजात की जान, सड़क पर वाहनों के बीच 40 मिनट फंसी रह गई एंबुलेंस

Updated Sep 16, 2022 | 19:30 IST

Ambulance Stuck in Ranchi Rush : देवघर में ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही और वाहन चालकों की अमानवीयता की वजह से एक नवजात की जान चली गई। नवजात जिस एंबुलेंस में सवार था, वह 40 मिनट पर जाम में फंसी रही। ऐसे में नवजात ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। देवघर के झरना चौक से झौंसागढ़ी हनुमान मंदिर तक लंबा जाम लगा हुआ था।

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तस्वीर साभार:&nbspFacebook
जाम में फंसी रही एंबुलेंस और नवजात की चली गई जान (फाइल फोटो)
मुख्य बातें
  • गंभीर रूप से बीमार बच्चे को परिजन एंबुलेंस में सवार होकर ले जा रहे थे अस्पताल
  • देवघर के झरना चौक से झौंसागढ़ी हनुमान मंदिर तक सड़क पर लगा था लंबा जाम
  • एंबुलेंस सुबह 11.40 बजे से 40 मिनट तक जाम में फंसी रही

Ranchi Traffic News: ट्रैफिक की बदइंतजामी ने एक मासूम की जान ले ली। देवघर में सड़क जाम में फंसी एंबुलेंस में एक बच्चे ने तड़प-तड़प कर जान दे दी। एंबुलेंस 40 मिनट तक जाम में फंसी रही। शहर के झरना चौक से झौंसागढ़ी हनुमान मंदिर तक सड़क पर वाहनों की कतार लगी थी। इधर, एंबुलेंस में सवार बच्चे की स्थिति हर मिनट बिगड़ती गई और इलाज के अभाव में उसने दम तोड़ दिया। 

एंबुलेंस को सदर अस्पताल जाना था। सुबह 11.40 बजे से अगले 40 मिनट तक एंबुलेंसी आरएल सर्राफ स्कूल से झरना चौक तक जाम में फंसी रह गई। झरना चौक से सदर अस्पताल की दूरी सवा किलोमीटर है, जिसे तय करने में एंबुलेंस को 40 मिनट लग गए। जब एंबुलेंस अस्पताल पहुंची तो डॉक्टर ने बच्चे को देखते हुए मृत बता दिया। 

बिहार के जमुई जिले का रहने वाला था बच्चा

सड़क जाम की वजह से जिस बच्चे की जान गई है वह बिहार के जमुई जिला अंतर्गत चकाई का रहने वाला था। चकाई प्रखंड के परांची गांव निवासी मुकेश कुमार आजाद का बेटा था। मुकेश को अपने बच्चे को देवघर सदर अस्पताल के एनएनसीयू वार्ड में भर्ती कराना था। इनका आरोप है कि सड़क से जाम हटाने का प्रयास ट्रैफिक पुलिस के स्तर पर नहीं किया गया, जिस वजह से उनके बच्चे की जान चली गई। उन्होंने दोषी पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।

अब किसी और के बच्चे की नहीं जाए ऐसे जान

पीड़ित मुकेश कुमार आजाद ने ट्रैफिक पुलिस के उच्च अधिकारियों से गुहार लगाई है कि सड़क जाम की वजह से अब किसी इंसान के बच्चे की जान नहीं जाए। सदर अस्पताल को जोड़ने वाली सभी सड़कों पर ट्रैफिक क्लियर रखे जाने की मांग की। मुकेश ने कहा कि सरकारी अस्पताल वाले रास्ते पर ट्रैफिक को लेकर विभाग को हमेशा ज्यादा सक्रिय रहना चाहिए। आज एंबुलेंस को रास्ता मिल जाता तो मेरा बेटा जीवित होता।