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CBI करेगी रांची में 7वीं क्लास के स्टूडेंट विनय महतो की हत्या की जांच, जानें 6 साल पहले क्या हुआ था

Updated Jul 07, 2022 | 18:06 IST

ranchi cbi: चर्चित विनय महतो हत्याकांड में नया मोड़ आया है। अब इस मामले की जांच सीबीआई करेगी। हाईकोर्ट ने सीबीआई को एक तय समय दिया है, जिसमें जांच पूरी कर रिपोर्ट कोर्ट को सौंपनी है। छात्र हत्याकांड में 6 साल से जांच जारी है, लेकिन नतीजा अब तक नहीं निकला है।

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छात्र विनय को न्याय मिलने की बढ़ी उम्मीद
मुख्य बातें
  • स्कूल परिसर में कर दी गई थी सातवीं के छात्र की हत्या
  • घटना 2016 के फरवरी की है, रांची के सबसे महंगे बोर्डिंग स्कूल का छात्र था विनय
  • हाईकोर्ट ने आठ महीने में सीबीआई को जांच पूरी करने का दिया है आदेश

Ranchi Murder Case: रांची के विनय को अब इंसाफ मिलने का रास्ता साफ होता दिख रहा है। रांची शहर के सबसे बड़े स्कूलों में से एक के छात्र विनय महतो हत्याकांड की सीबीआई जांच की याचिका को रांची हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया है। गुरुवार को हाईकोर्ट ने मामले की सीबीआई जांच का आदेश जारी कर दिया। कोर्ट ने जांच एजेंसी को आठ महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट मांगी है। 

आपको बता दें कि विनय के पिता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बेटे के हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की थी। इससे पूर्व कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षा रखा था। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान माना कि मामले की ठीक से जांच नहीं की गई है। 

अस्पताल में शव छोड़कर भाग गए थे शिक्षक और कर्मचारी

दरअसल, इस नामी स्कूल की सातवीं क्लास के छात्र विजय महतो की हत्या स्कूल परिसर में ही की गई थी। घटना फरवरी 2016 की है। आरोप स्कूल की ही टीचर, उसके पति और नाबालिग बेटे और बेटी पर लगाया गया। आरोप था कि टीचर की बेटी की विनय से दोस्ती थी, जिसे लेकर पूरा परिवार नाराज था। जिसके बाद टीचर और उसके बेटे ने विनय को घर बुलाकर उसकी हत्या कर दी। विनय के पिता मनबहाल महतो को अल सुबह 3.30 बजे फोन कर बताया गया था कि उनका बेटा बहुत बीमार है। जानकारी दी गई कि उसे गुरुनानक अस्पताल भेजा गया है। फिर कहा कि रिम्स भेज दिया गया है। जब मनबहाल रिम्स पहुंचे तो देखा कि विनय स्ट्रेचर पर मृत पड़ा हुआ था। वहां शव के पास कोई नहीं था। स्कूल के शिक्षक और कर्मी भी गायब थे। इसके बाद पीड़ित पिता ने बेटे की हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराकर न्याय की लड़ाई छेड़ी थी। 

जेजे कोर्ट के फैसले को दी गई चुनौती

आपको बता दें कि बाल अदालत (जेजे कोर्ट) ने इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी स्कूल की शिक्षिका के नाबालिग बेटे-बेटी को आरोप से मुक्त किया था। छह जुलाई 2018 को जेजे कोर्ट के तत्कालीन प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी राजीव त्रिपाठी ने आरोपियों को बरी किया था। इसके बाद विनय के पिता मनबहाल ने जेजे कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। 

2017 में ही सीबीआई जांच की हुई थी मांग

विनय के पिता ने अक्टूबर 2017 में ही हत्याकांड की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी। तब वह सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किए थे। वहां सुनवाई होने पर हाईकोर्ट में अपील का आदेश मिला था। फिर आठ मार्च 2018 को छात्र विनय के पिता ने झारखंड हाईकोर्ट में सीबीआई जांच के लिए याचिका दायर की थी।