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Para Commando Training: जिस पैरा कमांडो के नाम से थर्राता है दुश्‍मन देश, जानिए कैसे होती है उनकी ट्रेनिंग

Updated Jun 13, 2022 | 23:13 IST

Para Commando Training: भारतीय सेना की सबसे स्‍पेशल फोर्स पैरा कमांडो के नाम से हर दुश्मन देश थरथराता है। एक आम सैनिक कई सालों की सख्‍त ट्रेनिंग के बाद पैरा कमांडो बन पाता है। ये जवान हर तरह की लड़ाई में पूरी तरह से माहिर होते हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
इस तरह बनते हैं पैरा कमांडो
मुख्य बातें
  • फोर्स पैरा कमांडो में सिपाही के पद पर भी मिलती है लाखों में सैलरी
  • कमांडो के लिए डायरेक्‍ट और आर्मी से जवानों को भर्ती किया जाता है
  • कठिन ट्रेनिंग के बाद मात्र 2 से 4 फीसदी उम्‍मीदवार ही बनते हैं कमांडो

Para Commando Training: हमारी इंडियन आर्मी द्वारा पाकिस्‍तान पर 29 सितंबर 2016 को किया गया सर्जिकल स्ट्राइक तो आपको याद ही होगा। पाकिस्तान के अंदर घुसकर भारतीय सेना के जवाना ने वहां मौजूद आतंकियों के लांच पैड को ध्‍वस्‍त करते हुए दर्जनों आतंकियों को मार दिया और बिना किसी नुकसान के अपने देश वापस लौट आए। पूरे विश्‍व में इन भारतीय सैनिकों के वीरता के खबू चर्चे हुई। क्‍या आप जानते हैं कि, इस मिशन को किन सैनिकों ने अंजाम दिया था? यह सर्जिकल स्‍ट्राइक की थी सेना की उत्तरी कमान की चौथी व नौवीं बटालियन की स्पेशल फोर्स ‘पैरा कमांडो’ नें। ये कमांडो इस मिशन से पहले म्यांमार में घुसकर भी वहां मौजूद सभी आतंकी कैंपों को पूरी तरह तबाह कर चुके हैं। ऐसे में इन बहादूर पैरा कमांडो के बारे में जानने की उत्‍सुक्‍ता हर किसी के मन में होती है। यहां हम इनके बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं।

जानें, कौन होते हैं पैरा कमांडो

भारतीय पैरा कमांडो के नाम से हर दुश्मन देश थर्राता है। यह सेना की पैराशूट रेजीमेंट की स्पेशल फोर्स यूनिट है। पैरा कमांडो देश के दुश्मनों के खिलाफ स्पेशल ऑपरेशन को अंजाम देने के अलावा बंधक समस्या, गैर परंपरागत हमले, विशेष टोही मुहिम, आतंकवाद विरोधी अभियान, विदेश में आंतरिक सुरक्षा और देश के खिलाफ किसी भी विद्रोह को कुचलने में माहिर होते हैं।

ऐसे बनते हैं पैरा कमांडो

भारतीय सेना में पैरा कमांडो का चयन दो प्रकार से किया जाता है। पहला डायरेक्ट रिक्रूटमेंट से और दूसरा इंडियन आर्मी से। डायरेक्ट रिक्रूटमेंट के अंतर्गत युवाओं को आर्मी रैली द्वारा भर्ती किया जाता है। जिसके बाद इनकी आर्मी रैली पैरा कमांडो ट्रेनिंग सेन्टर बंगलोर में कराई जाती है और उसके बाद चयनित कैंडिडेट को पैरा कमांडो की कठिन ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है। वहीं इंडियन आर्मी से अगर कोई जवान पैरा रेजिमेंट में शामिल होना चाहता है, तो वह वालंटियर होकर आवेदन कर सकता है। आवेदन से पहले जवान को अपने कमांडिंग अफसर की रिकमेन्डेशन लेनी होती है।

मात्र 2 से 4 फीसदी लोग ही होते हैं सेलेक्‍ट

भारत के अंदर सभी कमांडो यूनिट में आवेदन करना पैरा कमांडों के मुकाबले मुश्किल होता है, लेकिन इसमें सेलेक्‍ट होना बेहद मुश्किल होता है। आवेदन के बाद पैरा कमांडों की ट्रेनिंग शुरू करने वाले सभी आवेदकों में से मात्र 2 से 4 फीसदी लोग ही पैरा कंमांडो बन पाते है। पैरा कंमांडो स्पेशल फोर्स जॉइन करने से पहले किसी भी जवान का पैराट्रूपर होना अनिवार्य है, उसके लिए पहले उन्हें पैराट्रूपर की ट्रेनिंग लेकर पैराट्रूपर का टेस्ट क्लियर करना होता है। जिसे काफी मुश्किल माना जाता है।

पैरा कमांडो की ट्रेनिंग

पैरा कमांडो में सेलेक्‍शन के लिए ही जवानों को पहले तीन माह के कठिन चयन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इस दौरान जवानों को थकावट, मानसिक और शारीरिक यातना के कठिन दौर से गुजारना पड़ता है। इनकी शुरुआत प्रतिदिन शरीर पर 60 से 65 किलो वजन और 20 किलोमीटर की दौड़ से होती है। इस चयन प्रक्रिया को पूरा करने के बाद सेलेक्‍ट होने वाले उम्‍मीदवारों को पैरा कमांडो बनने के लिए साढ़े तीन साल की कठिन ट्रेनिंग दी जाती है। उसके बाद भी वक्‍त के हिसाब से कमांडो को अपडेट किया जाता रहता है। एक पैरा कमांडो को साढ़े 33 हजार फुट की ऊंचाई से कम से कम 50 जंप लगानी जरूरी होता हैं। इन्‍हें जंप के लिए एयरफोर्स के पैरा ट्रेनिंग स्‍कूल आगरा और पानी में लड़ने के लिए नौसेना डाइविंग स्‍कूल कोच्‍चि में ट्रेनिंग दी जाती है। इस ट्रेनिंग के दौरान करीब 96 प्रतिशत जवान या तो ट्रेनिंग छोड़ देते हैं या फिर डिसक्वालिफाई कर दिए जाते हैं।

पैरा कमांडों की सैलरी

पैरा कमांडों की जॉब जितनी टफ है, इनकी सैलरी भी उतनी ही शानदार है। एक सिपाही का पद धारण करने वाले पैरा कमांडो को भारतीय सैनिकों की तरह मासिक सैलरी मिलती है। इसके अलावा इन्‍हें विशेष बल भत्ता के रूप में 6000, खतरनाक स्‍थानों पर पोस्टिंग के हिसाब से 15 से 25 हजार रुपये व कई अन्‍य आर्मी अलाउंस भी दिऐ जाते हैं। एक अनुमान के अनुसार एक सिपाही पैरा कमांडों को प्रति माह करीब 80 हजार से एक लाख रुपये तक की सैलरी व अन्‍य सुविधाएं मिलती हैं।