- करियर के लिए शानदार ऑप्शन है इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग
- छात्र इस फील्ड में कर सकते हैं डिप्लोमा से लेकर डॉक्टरेट तक का कोर्स
- कोर्स के बाद छात्रों को शुरआती दौर में ही मिलती है लाखों की सैलरी
Electrical And Electronics Engineering: इंजीनियरिंग के फील्ड में छात्रों के लिए कई शानदार करियर ऑप्शन मौजूद हैं। इनमें से एक है इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग का फील्ड। यह फील्ड इलेक्ट्रिसिटी, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रोमैगनेटिज्म पर आधारित है। इसमें छात्रज्ञें को इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट्स के डिजाइन, डेवलपिंग और टेस्टिंग के बारे में ट्रेनिंग दी जाती है।
इस फील्ड में छात्रों को कंट्रोल सिस्टम, सिग्नल प्रोसेसिंग, कम्यूनिकेशन, रेडियो फ्रीक्वेंसी डिजाइन, पावर जेनरेशन, माइक्रोप्रोसेसर आदि के बारे गहराई से जानकारी दी जाती है। अगर आपको भी इलेक्ट्रॉनिक्स से प्यार है तो यह फील्ड आपके लिए बेस्ट रहेगा।
इस तरह लें एडमिशन
इस फील्ड में आज के समय में कई ऐसे कोर्स कराए जाते हैं। हालांकि, आज भी 4 साल का ग्रेजुएशन प्रोग्राम छात्रों के बीच सबसे लोकप्रिय है। साइंस स्ट्रीम के छात्र 12वीं कक्षा के बाद इन कोर्स में आवेदन कर सकते हैं। वहीं छात्र चाहे तो वे 10वीं के बाद इस फील्ड में डिप्लोमा कोर्स भी कर सकते हैं। इस फील्ड में ग्रेजुएशन करने के लिए छात्रों को सबसे पहले एंट्रेंस एग्जाम पास करना होगा। इंजीनियरिंग के विभिन्न विषयों में एडमिशन के लिए ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम- मेन्स, ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम- एडवांस्ड, ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग, वीआईटी इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जामिनेशन जैसे एग्जाम लिए जाते हैं। जिनको पास करने के बाद ही सरकारी कॉलाजों या आईआईटी में दाखिला मिलता है।
डिप्लोमा कोर्स
इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में छात्र पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स भी कर सकते हैं। यह कोर्स कक्षा 10 वीं और कक्षा 12वीं के बाद किया जा सकता है। इस डिप्लोमा कोर्स के पाठ्यक्रम की अवधि 3 वर्ष है।
अंडर ग्रेजुएट कोर्स
यह कोर्स चार साल की अवधि का होता है जो छात्रों को इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री प्रदान करता है। 12वीं कक्षा पास करने वाले छात्र इस कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं।
पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स
यह कोर्स 2 साल की अवधि का होता है जो छात्रों को इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में एम.टेक की पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री प्रदान करता है। इस कोर्स को करने के लिए छात्रों के पास रिलेवेंट फील्ड में ग्रेजुएशन की डिग्री आवश्यक है।
डॉक्टरेट कोर्स
छात्र चाहें तो आगे चलकर इस फील्ड में डॉक्टरेट का कोर्स भी कर सकते हैं, यह 3 साल की अवधि का कोर्स होता है जो छात्रों को इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में पीएचडी डिग्री देता है। इस कोर्स को करने के लिए छात्रों के लिए रिलेवेंट सब्जेक्ट में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री आवश्यक है।
पॉपुलर जॉब प्रोफाइल व सैलरी
इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर का कोर्स करने के बाद छात्रों के लिए करियर के कई रास्ते खुद जाते हैं। इसके बाद छात्र किसी भी सरकारी या प्राइवेट कंपनी के साथ जुड़कर जूनियर इंजीनियर के जॉब पोस्ट से अपने करियर की शुरूआत कर सकते हैं।
इसके अलावा यहां छात्र इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, ब्रॉडकास्ट इंजीनियर, क्वालिटी कंट्रोल इंजीनियर, कंट्रोल एंड इंस्टूमेंशन इंजीनियर, डिजाइन इंजीनियर, मैन्युफैक्चरिंग सिस्टम इंजीनियर, सिस्टम एनालिस्ट, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर जैसे पदों पर कार्य कर सकते हैं। वहीं अगर सैलरी की बात करें तो इन इंजीनियरों को शुरुआती दौर में करीब 5 से 7 लाख रुपये का सालाना पैकेज आसानी से मिल जाता है।