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Chanakya Niti For Relationship: इन 3 वजह से टूटते हैं रिश्‍ते, अगर नहीं रखा ध्‍यान तो बिखर जाएगा पलभर में

Updated Aug 11, 2022 | 06:07 IST

Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य ने नीति शास्‍त्र में रिश्‍तों को लेकर कई अहम बातें बताई हैं। उन्‍होंने पति-पत्‍नी व प्रेम के रिश्‍ते को लेकर भी काफी कुछ बताया है। उन्‍होंने अपने नीतियों में उन 3 ऐसी बातों का जिक्र किया है, जिसका अगर ध्‍यान न रखा जाए तो रिश्‍ते की मजबूत डोर भी पल भर में बिखर जाती है।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
चाणक्‍य ने बताया रिश्‍ता टूटने का तीन मुख्‍य कारण
मुख्य बातें
  • रिश्‍ता टूटने- बिखरने के हैं तीन सबसे मुख्‍य कारण
  • मन में आ गया वहम तो खत्‍म हो जाता है रिश्‍ता
  • जिद व अहंकार रिश्‍ते को बना देता है अंदर से खोखला

Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्‍य ने नीति शास्‍त्र में रिश्ते को इंसान की ताकत बताया है। वे कहते हैं कि रिश्‍ता जितना मजबूत होता है, व्‍यक्ति भी उतना ही मजबूत बनता है। क्‍योंकि अच्छे-बुरे समय में ये रिश्‍ते ही साथ निभाते हैं। मुश्किल समय में रिश्तेदार, मित्र और परिवार सब एकजुट हो जाते हैं। आचार्य कहते हैं कि इन रिश्‍तों को बनाना तो आसान है, लेकिन इन्‍हें निभाना कई बार मुश्किल होता है। कई ऐसी बातें होती हैं, जिनकी वजह से रिश्‍तों में दरारें आने लगती हैं और वे टूट जाते हैं। चाणक्य ने रिश्‍ते टूटने की तीन मुख्‍य वजह बताई है।

मन में वहम

चाणक्य कहते हैं रिश्ते की डोर जितना मजबूत होती है, उतनी ही नाजुक भी होती है। यह हम पर होता है कि इस डोर को कैसे बनाना है। रिश्‍ते को लेकर अगर मन में वहम आ जाए तो डोर टूटने लगती है। क्‍योंकि वहम का कोई इलाज नहीं होता है। यह दीमक की तरह रिश्ते को खोखला करता रहता है। वहम की जद में आया इंसान सीधी बात का भी उल्टा अर्थ निकालता है। जिस वजह से कई बार रिश्‍ता खत्‍म हो जाता है।

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जिद व अहंकार

आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि जिद व अहंकार की वजह से रिश्ते हमेशा खराब होते हैं। ऐसे लोग अपने आप को सबसे अहम और दूसरे को तुच्‍छ समझते हैं। जिसकी सोच इस तरह की हो जाती है, वे रिश्‍ते की अहमियत नहीं समझ पाते हैं। इनकी जिद रिश्तों पर नकारात्मक असर डालती है। कई बार ये ऐसी गलत चीजों की जिद करने लगते हैं कि उससे अपनों को ही नुकसान होने लगता है। जिसकी वजह से लोग इनसे दूरी बनाने लगते हैं। जिद्दी स्वभाव कोई सहन करना पसंद नहीं करता

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रिश्‍ते में प्रतिस्पर्धा

आचार्य चाणक्‍य का मानना है कि रिश्‍ते प्‍यार और एक दूसरे की मदद के लिए होते हैं, इनके बीच प्रतिस्पर्धा नहीं हो सकता है। वहीं जब रिश्ते के बीच प्रतिस्पर्धा आ जाती है तो विवाद बढ़ने लगता है। ऐसे लोग एक दूसरे को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। ये बड़े -छोटों का अंतर भूल जाता है और हर समय ऐसे मौके की तलाश में रहते हैं कि किस तरह से सामने वाले को नीचा दिखाया जाए। इस वजह से प्रतिस्पर्धा जीत जाती है और रिश्‍ता खत्‍म हो जाता है।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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