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Chanakya Niti: चाणक्य के इन 4 बातों पर करें अमल, जीवन में नहीं आएगी कोई कठिनाई, मिलेगा सुख

Updated Sep 09, 2022 | 09:27 IST

Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य ने नातिशास्त्र में ना केवल जीवन को सफल और सुगम बनाने के तरीके बताए हैं बल्कि बल्कि सही-गलत की पहचान करने के तरीके भी बताए हैं। इन नीतियों पर चलकर कोई भी सफलता की बुलंदियों पर पहुंच सकता है।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
जीवन को सुखद बनाने के चार उपाय
मुख्य बातें
  • बच्‍चों को अच्‍छी शिक्षा न देने वाला माता-पिता हैं शत्रु समान
  • शत्रु को हमेशा रखें दुखी व कष्‍ट में, नहीं तो करेगा आप पर वार
  • बेटी की शादी हमेशा अपनी बराबरी और संस्‍कारी परिवार में करें

Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य की नीतियां सदियों से इंसानों के लिए उपयोगी रही हैं। चाणक्य की इन नीतियों के बल पर कई राजा महाराजाओं ने अपना शासनकाल चलाया। आचार्य के मार्गदर्शन और नीतियों से ही चंद्रगुप्त मौर्य ने सम्राट बनकर मौर्य साम्राज्‍य की स्‍थापना की। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में ना केवल जीवन को सफल और सुगम बनाने के तरीके बताए हैं, बल्कि सही-गलत की पहचान करने के तरीके भी बताए हैं। आचार्य की इन नीतियों पर चलकर कोई भी व्यक्ति सफलता की बुलंदियों पर पहुंच सकता है।

पुत्र को अच्छी शिक्षा देनी चाहिए

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि वे माता पिता अपने बच्चों के लिए शत्रु समान होते हैं, जो बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं प्रदान करते। ऐसे अभिभावक अपने ही हाथों अपने बच्‍चे का जीवन बर्बाद कर देते हैं। क्‍योंकि शिक्षा विहीन मनुष्य बिना पूंछ के जानवर जैसा होता है। इसलिए बच्चों को हमेशा अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाएं।

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शत्रु को दुख और कष्ट में रखें

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जीत के लिए शत्रु को हमेशा दुख और कष्ट में रखना चाहिए। क्योंकि वह अगर खुश रहेगा तो आप पर वार करेगा, वहीं अगर वह अपने ही दुखों में उलझा रहेगा तो हमला नहीं कर सकता है। इसके साथ ही सावधान रहते हुए हमेशा उसकी गतिविधियों पर ध्यान रखना चाहिए।

मित्रों को धर्म कर्म के काम में लगाएं

आचार्य चाणक्य कहते हैं अच्छे मित्रों को अपने साथ धर्म कर्म के कार्य में लगाना चाहिए। ऐसा करने से आपका और आपके मित्र और समाज तीनों का भला होगा। अगर आपका मित्र धर्म कर्म के कार्य में लगा रहेगा तो उसके अंदर ऐसे अवगुण कभी नहीं आएंगे जो आपको नुकसान पहुंचा सके। आचार्य कहते हैं कि मित्र को सबसे ज्‍यादा रहस्‍य पता होते हैं, ऐसे में अवगुणों से युक्‍त मित्र नुकसान पहुंचा सकता है।

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बेटी का बराबरी वाले परिवार में करें

आचार्य चाणक्य का मानना है कि बेटी की शादी हमेशा संस्‍कारी और अपनी बराबरी वाले परिवार में करना चाहिए। क्योंकि यदि आप खुद से अमीर घराने में बेटी का विवाह करते हैं, तो लड़की को गृहस्थी में कई प्रकार परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। कई बार परिवार में बराबरी ना होने के कारण शादी टूट भी जाती है।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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