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Pitru Paksha 2022: कौआ, गाय या गरीब, घर आए पितरों को ना करें निराश, वर्ना पूर्वज हो जाएंगे नाराज!

Updated Sep 09, 2022 | 15:46 IST

Pitru Paksha 2022 Date, Time, Kya Karein Kya Nahi: इस वर्ष पितृ पक्ष 10 सितंबर से प्रारंभ हो रहा है। माना जाता है कि श्राद्ध पक्ष में पितर किसी भी रूप में हमें दर्शन देते हैं। ऐसे में लोगों को कभी भी कौआ और कुत्ता समेत इस जानवारों और इंसानों को निराश नहीं करना चाहिए।

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Pitru Paksha 2022 (Pic: iStock)
मुख्य बातें
  • 10 सितंबर से प्रारंभ हो रहा है पितृ पक्ष।
  • पितृ पक्ष में किए जाते हैं श्राद्ध और तर्पण जैसे कार्य।
  • श्राद्ध पक्ष में पितर अलग-अलग रूपों में देते हैं दर्शन।

Pitru Paksha Date 2022: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व बताया जाता है। इस साल 10 सितंबर से पितृपक्ष शुरु होने वाला है। इस दौरान पूर्वजों की पूजा की जाती है, जिसे श्राद्ध कर्म भी कहते हैं। श्राद्ध कर्मकांड प्राचीन काल से होता रहा है। शुद्ध एवं शीतल मन से श्राद्ध कर्म या तर्पण किए जाएं तो पूर्वजों को शांति मिलती है। साथ ही उनका आशीर्वाद सदैव बना रहता है। शास्त्रों के माने तो पितृपक्ष के दौरान पितर धरती पर आते हैं। माना जाता है कि पितरों का संबंध प्रकृति से है। मान्यता यह भी है कि वह किसी न किसी रूप में हमारे सामने जरूर आते हैं। ऐसे में घर आए कोई भी पशु-पक्षी, गरीब-दुखिया आदि का आदर सत्कार करें उन्हें निराश बिल्कुल भी न करें। चलिए किन-किन रूपों में पितर घर आ सकते हैं इनके बारे में जान लेते हैं। 

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कौआ

पितृ पक्ष के दौरान घर या छत पर आए कौवे को बिना कुछ खिलाए न भगाएं। कौवे को कुछ अनाज के दाने जरूर खिलाएं। इस पर गुस्सा दिखाने या भगा देने से पितर नाराज हो सकते हैं। इससे आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। शास्त्रों में बताया गया है कि पितृ पक्ष के 15 दिन तक पितरण कौवे द्वारा ही अन्न ग्रहण करते हैं। इससे उनके आत्मा को तृप्ति मिलती है। साथ ही परिजनों को उनका आशीर्वाद भी मिलता है। घरों में सुख शांति और सकारात्मकता का प्रवाह होता है। 

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कुत्ता-गाय

कुत्ते यम के दूत माने जाते हैं। बता दें कि श्राद्ध पक्ष के दौरान पंचबली भोग लगाए जाते हैं। इस भोग में कुत्ते और गाय के नाम का भी भोग लगाया जाता है। इसलिए पितृ पक्ष के समय यदि गाय या कुत्ते घर पर आ रहे हैं तो इन्हें शुभ माना जाता है। इन्हें अनाज या कुछ भी खाने को जरूर दें। यहां तक कि घर के बाहर भी इन्हें देख कर इनका सम्मान करें। पितृ पक्ष में गौ माता की सेवा करने से पितर बहुत प्रसन्न होते हैं। वे अपना आशीर्वाद सदैव आप पर बनाए रखेंगे। 

गरीब-जरूरतमंद या अंजान

पितृ पक्ष के दौरान घर आए मेहमान, गरीब, लाचार, बेबस आदि को न दुत्कारें। मान्यता है कि इस दौरान पितरण किसी भी रूप में आपके द्वार आ सकते हैं। ऐसे में उनका सम्मान करें। उन्हें खाना-पीना के साथ उचित दक्षिणा भी दें। इन्हें कभी भी खाली हाथ न लौटाएं। कहते हैं यह पितर द्वारा परीक्षा होती है। इसे अवश्य पूरा करें।

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