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Bakrid 2022 Date in India: 2022 में कब मनाई जाएगी बकरीद, जानें क्या है इसका खास महत्व

Updated Jul 10, 2022 | 07:36 IST

Bakrid 2022 Date in India, Eid-Al-Adha Kab Ki Hai India Mein, 2022 मेंबकरीद  कब की है: इस्लाम धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक बकरीद को ईद-उल-अजहा भी कहा जाता है। यह पर्व इस साल 10 जुलाई 2022 को रविवार के दिन मनाया जाएगा।

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Eid Al Adha Bakrid 2022
मुख्य बातें
  • ईद उल फितर के 70 दिन के बाद बकरीद का त्यौहार मनाया जाता है
  • इस त्यौहार को ईद-उल-अजहा या ईद-उल-जुहा भी कहा जाता है
  • भारत में बकरीद का पर्व 10 जुलाई यानी रविवार को मनाया जाएगा।

Bakrid 2022 Date in India, Eid-Al-Adha Kab Ki Hai India Mein, 2022 में बकरीद  कब की है: इस्लाम धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक बकरीद है। यह पर्व इस साल 10 जुलाई 2022 को रविवार के दिन मनाया जाएगा। मीठी ईद यानी ईद उल फितर के 70 दिन के बाद बकरीद का त्यौहार मुस्लिम धर्म के लोग मनाते है। यह कुर्बानी का त्योहार है और यह अल्लाह के प्रति समर्पण का उदाहरण है।

ईद-उल-अजहा को हजरत इब्राहिम की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है। हजरत इब्राहिम अल्लाह के हुकम पर अपनी वफादारी दिखाने के लिए अपने बेटे इस्माइल की कुर्बानी देने को तैयार हो गए थे। जब हजरत इब्राहिम अपने बेटे को कुर्बान करने के लिए आगे बढ़े तो खुदा ने उनकी निष्ठा को देखते हुए इस्माइल की कुर्बानी को दुंबे की कुर्बानी में परिवर्तित कर दिया। इस्लाम धर्म की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हजरत इब्राहिम अल्लाह के पैगंबर थे। 

पढ़ें- Eid-al-Adha Mubarak 2022 Hindi Wishes

Bakra Eid kab hai 2022/भारत में बकरीद कब है

2022 में भारत में बकरीद 10 जुलाई को मनाया जाएगा। ईद उल अजहा इस्लामी कैलेंडर का 12वां और आखिरी महीना होता है। यह त्योहार खुशियां बांटने और गरीबों और बेसहारा लोगों की मदद करने का भी एक अवसर है। कुर्बानी का गोश्त गरीबों में तक्सीम किया जाता है ताकि गरीबों को एक वक्त का खाना मिल सके। नमाज अदा करने के बाद वे भेड़ या बकरी की कुर्बानी (बलि) देते हैं और परिवार के सदस्यों, पड़ोसियों और गरीबों के साथ उसे साझा करते हैं। 

ईद उल जुहा के दौरान मुसलमान ईदगाह या मस्जिद में जमा होते हैं और जमात के साथ 2 रकात नमाज अदा करते हैं। यह नमाज अमूमन सुबह के समय आयोजित की जाती है। कहा जाता है कि यह प्रेम, निस्वार्थता और बलिदान की भावना के प्रति आभार व्यक्त करने और एक समावेशी समाज में एकता और भाईचारे के लिए मिलकर काम करने का त्योहार है।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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