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Bhadrapada Purnima September 2021: भाद्रपद माह सितंबर 2021 की पूर्णिमा कब है? शुरू हो रहा पितृ पक्ष

Updated Sep 19, 2021 | 19:15 IST

Bhadrapada Purnima September 2021 Pitra Paksha Start Date: भाद्रपद पूर्णिमा के मौके पर पितृ पक्ष की शुरुआत होती है। जानिए भाद्र पूर्णिमा की तिथि, शुभ मुहूर्त और पितृ पक्ष आरंभ व समापन के दिन।

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भाद्रपद, सितंबर 2021 की पूर्णिमा तिथि
मुख्य बातें
  • भाद्रपद माह, शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा होती है विशेष।
  • सितंबर 2021 में इसी दिन से शुरू होगा पितृ पक्ष यानी श्राद्ध पक्ष का काल।
  • जानिए भाद्र पूर्णिमा की तिथि, महत्व और मुहूर्त।

Bhadrapada Purnima 2021 Shradh Start Date: भाद्र माह यानी भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हिंदू धर्म में विशेष माना जाता है। भाद्र पूर्णिमा के दिन कई पूजाएं भी होती हैं जिससे विशेष फल की भी प्राप्ति होती है। इससे जीवन में कई तरह बाधाओं का अंत होता है। इसके अलावा भाद्रपद माह की सितंबर 2021 में पड़ने जा रही पूर्णिमा से ही श्राद्ध पक्ष या पितृ पक्ष का भी आरंभ होता है।

भाद्रपद पूर्णिमा, सितंबर 2021 की तिथि:

हिंदू पंचांग के अनुसार सितंबर 2021 में भाद्र पूर्णिमा सोमवार को 20 सितंबर के दिन आ रही है। इसे भाद्रपद पूर्णिमा या भादो पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस पूर्णिमा के अवसर पर चंद्रमा की खास पूजा भी की जाती है और ऐसा कहा जाता है कि इस अवसर पर चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण भी होता है।

चंद्रमा को मन का कारक भी बताया गया है और भाद्र पूर्णिमा पर कई घरों में सत्यनारायण भगवान की कथा भी करवाई जाती है और गुजर चुके परिजनों का श्राद्ध भी इस दिन से शुरू होता है जिसे पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष आरंभ भी कहा जाता है।

भाद्र पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त:

पंचांग अनुसार सोमवार को 20 सितंबर 2021 के दिन भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का मुहूर्त सुबह 5 बजकर 28 मिनट पर शुरू होगी।

भाद्रपद पूर्णिमा आरंभ का समय: 20 सितंबर, प्रात: 05 बजकर 28 मिनट।
भाद्रपद पूर्णिमा आरंभ मुहूर्त का समापन: 21 सितंबर 2021, प्रात: 05 बजकर 24 मिनट।

पितृ पक्ष / श्राद्ध पक्ष का कब से कब तक है?

पितृ पक्ष आरंभ: 20 सितंबर 2021, भाद्रपद पूर्णिमा
पितृ पक्ष का समापन: 6 अक्टूबर 2021, सर्वपितृ अमावस्या / अमावस्या श्राद्ध

20 सितंबर को पूर्णिमा तिथि के साथ पितृपक्ष का आरंभ होगा और इसी दिन से पितरों यानी मर चुके परिजनों के लिए आत्मा शांति को लेकर पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म से जुड़े अनुष्ठान शुरू होंगे।

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