लाइव टीवी

Chanakya Niti: जीवन में चाहिए शांति व खुशी तो क्रोध और दिखावा समेत इन चीजों से रहें दूर

Updated Mar 28, 2022 | 15:13 IST

Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य की नीति हमें सुखमय जीवन जीने का संदेश देता है। अगर हम इन्‍हें अपनाते हैं तो, ये नीतियां हमारे जीवन को आसान बना सकती हैं। मानव जीवन को बेहतर बनाने के लिए आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में 4 ऐसी चीजें बताई है, जिससे मनुष्‍य को दूर रहना चाहिए।

Loading ...
Chanakya Niti For Happiness
मुख्य बातें
  • क्रोध और दिखावा लोगों को कर देते हैं हमसे दूर
  • अहंकार और आलास जीवन को बना देते हैं मुश्किल
  • सुखमय जीवन के लिए इन चार चीजों का त्‍याग जरूरी

Chanakya Niti For Happy Life : आचार्य चाणक्य की नीतियों के अनुसार, अपने जीवन को सुखमय बनाए रखने के लिए मनुष्य हमेशा अच्छे कार्य करने चाहिए। जो लोग अच्‍छा व श्रेष्ठ कार्य नहीं करते हैं, उन्हें जीवन में न तो सफलता मिलती है और न ही वे खुश रह पाते हैं। उन्‍हें हमेशा कोई न कोई भय और परेशानी घेरे रहती है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में बताया कि, जीवन में शांति और खुशी लाने के लिए मनुष्‍य को इन 4 कार्य से दूर रहना चाहिए।

Also Read: Good Friday 2022 Date: गुड फ्राइडे 2022 कब है, जानें डेट और क्या है इसका महत्व

1. दिखावा

जो व्‍यक्ति दिखावा करने में व्यस्त रहते हैं, उनके जीवन में कभी शांति नहीं रहती हैं। चाणक्य नीति के अनुसार, ऐसे लोग हमेशा एक ऐसी प्रतिस्पर्धा में व्यस्त रहते हैं जिसका न तो कोई अंत होता है और न ही को महत्व। दिखावा करने वाला व्यक्ति झूठ और गलत कार्यों में लिप्त हो जाता है। जो बाद में उसके लिए परेशानी का कारण बनती है।

2. क्रोध

क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु होता है, यह मनुष्‍य को खा जाता है। चाणक्य नीति कहती है कि, क्रोध करने वाले वाला व्यक्ति कभी सम्मान प्राप्त नहीं करता है। क्रोध करने वाले व्यक्ति से दूसरे लोग बचकर रहते हैं। खराब समय आने पर ऐसे लोग अकेले पड़ जाते हैं और कष्ट भोगते हैं।

Also Read: Papmochani Ekadashi 2022 Date, Puja Muhurat: पापमोचिनी एकादशी 2022 कब है, जानें क्या है पूजा का मुहूर्त

3. अहंकार

सभी को अहंकार से बचना चाहिए। अहंकार व्यक्ति का सबकुछ नष्ट कर सकता है। चाणक्य नीति के अनुसार, अहंकार व्यक्ति को सच्चाई से दूर कर देता है। ऐसे लोग स्वयं को श्रेष्ठ समझने की भूल करने लगते हैं। जिस कारण लोग उनका साथ छोड़ने लगते हैं और आगे चलकर इन्हें परेशानी उठानी पड़ती है।

4. आलस

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में आलस से दूर रहने का संदेश दिया है। क्‍योंकि आलस व्यक्ति की प्रतिभा को नष्ट कर देता है। आलस के कारण व्यक्ति को लाभ के अवसरों से वंचित होना पड़ता है। आलसी व्यक्ति सदैव लक्ष्य से दूर रहता है। इसलिए इससे दूर रहने में ही सबकी भलाई है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल