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ऐसे लोगों से बनाकर रखें दूरी, इंसान को परखने के लिए ध्यान रखें आचार्य चाणक्य की ये 4 बातें

Updated Jan 22, 2022 | 10:44 IST

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस प्रकार सोने को परखने के लिए उसे रगड़ना पड़ता है, काट कर देखा जाता है, फिर आग में तपाया जाता है। ठीक उसी प्रकार इन चार बातों को ध्यान में रखकर व्यक्ति को परखा जा सकता है।

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Chanakya Niti
मुख्य बातें
  • चाणक्य की नीतियों के बल पर कई राजा माहाराजाओं ने अपना शासन काल चलाया।
  • जिन लोगों में त्याग का गुण होता है, उस पर आंख बंद करके भरोसा किया जा सकता है।
  • घमंडी और झूठे लोगों से सदा बनाकर रखें दूरी।

Chanakya niti : भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र के पितामह कहे जाने वाले आचार्य चाणक्य का नीतिशास्त्र इंसान के लिए काफी उपयोगी माना गया है। चाणक्य की नीतियों के बल पर कई राजा माहाराजाओं ने अपना शासन काल चलाया। इन्हीं नीतियों के बल पर चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य को सम्राट बना दिया। चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में व्यक्ति को परखने का मूलमंत्र बताया है।

आचार्य चाणक्य एक श्लोक के माध्यम से कहते हैं कि जिस प्रकार सोने को परखने के लिए उसे रगड़ना पड़ता है, काट कर देखा जाता है फिर आग में तपाया जाता है। ठीक उसी प्रकार इन चार बातों को ध्यान में रखकर व्यक्ति को परखा जा सकता है। ऐसे में इस लेख के माध्यम से हम आपको व्यक्ति को परखने का तरीका बताएंगे। आइए जानते हैं।

त्याग

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिन लोगों में त्याग का गुण होता है, उस पर आंख बंद करके भरोसा किया जा सकता है। ऐसे लोग खुद से पहले दूसरों के बारे में सोचते है और उनके लिए अपनी खुशियां त्याग करने के लिए तैयार रहते हैं। वहीं जिस व्यक्ति में त्याग की भावना ना हो यानी स्वार्थी प्रवृत्ति के लोगों से हमेशा दूर रहना चाहिए। 

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स्वार्थी

आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में उल्लेख किया है कि स्वार्थी व्यक्ति से सदा दूरी बनाकर रखना चाहिए। स्वार्थी लोग कभी किसी के सगे नहीं हो सकते, ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रखें।

घमंडी और झूठे लोग

घमंडी और झूठे लोगों से सदा दूरी बनाकर रखना चाहिए, ऐसे लोगों पर भरोसा करने से बचें। शांत स्वभाव और सच बोलने लोग आपका साथ कभी नहीं छोड़ेंगे।

गलत कार्यों में संलग्न रहने वाला

व्यक्ति का स्वभाव उसके कर्मों पर निर्भर करता है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को परखने के लिए उसके कर्मों को देखना चाहिए। गलत तरीके से धन संचित करने वाला व्यक्ति और गलत कार्यों में संलग्न रहने वाले लोग कभी किसी के सगे नहीं होते।

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