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Chanakya Niti: जानें वक्त और इज्जत से आधारित चाणक्य के कटु वचन, वरना दूसरों की नजरों में खत्म हो जाएगी अहमियत

Updated Jul 14, 2021 | 17:33 IST

अगर आप अपने जीवन में दूसरों से इज्जत कमाना चाहते हैं तो चाणक्य की नीतियों को जरूर अपनाएं। आचार्य चाणक्य ने यह सुझाया है कि जरूरत से ज्यादा लोगों को इज्जत और वक्त देने से आपकी अहमियत खत्म हो जाती है।

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चाणक्य नीति जीवन जीने के लिए
मुख्य बातें
  • चाणक्य के ग्रंथ नीति शास्त्र में उल्लेखित हैं ऐसी कई महत्वपूर्ण बातें जो लोगों के सफल जीवन के लिए हैं बहुत लाभदायक।
  • चाणक्य के अनुसार, जरूरत से ज्यादा लोगों को नहीं देना चाहिए वक्त वरना दूसरों की नजरों में नहीं रहेगी आपके लिए इज्जत।
  • नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने किया है यह उल्लेखित, दूसरों की जरूरत से ज्यादा इज्जत करने से खत्म हो जाती है खुद की अहमियत।

महान अर्थशास्त्री, लेखक और विचारक आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में ऐसी कई महत्वपूर्ण बातों को उल्लेखित किया है जो आज भी लोगों के लिए प्रासंगिक हैं। आचार्य चाणक्य की नीतियां लोगों को सफल जीवन के लिए मार्गदर्शन देती हैं। उनकी बातों में कठोरता होती है मगर वह जीवन के सत्य को प्रदर्शित करते हैं। अगर आप समाज में अपनी इज्जत बना कर चलना चाहते हैं तो आपको आचार्य चाणक्य की नीतियों को जरूर अपनाना चाहिए। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि वक्त और इज्जत किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत अहम हैं। अगर लोग समाज में या अपने किसी प्रिय व्यक्ति से इज्जत कमाना चाहते हैं तो उन्हे दूसरों पर जरूरत से ज्यादा वक्त और इज्जत नहीं लुटाना चाहिए। 

यहां जानिए, क्यों अपने स्वाभिमान के लिए दूसरों को जरूरत से ज्यादा वक्त और इज्जत नहीं देना चाहिए। 

वक्त है बेशकीमती 

चाणक्य बताते हैं कि हर एक व्यक्ति के लिए वक्त बहुत कीमती है, इसीलिए किसी को भी जरूरत से ज्यादा अपना समय नहीं देना चाहिए। दरअसल, जब भी इंसान मोह के बंधन में फंस जाता है तो वह अपने प्रिय व्यक्ति के साथ ज्यादा समय बिताने की चाह रखना शुरु कर देता है। और जब किसी इंसान को जरूरत से ज्यादा वक्त मिलता है तो वह वक्त देने वाले व्यक्ति को फालतू समझ बैठता है। इसी वजह से वक्त देने वाले व्यक्ति की कीमत दूसरों की नजरों में कम होने लगती है। 

जरूरत से ज्यादा या कम इज्जत ना दें 

कई बार ऐसा होता है कि जब हम किसी को जरूरत से ज्यादा इज्जत देते हैं तो सामने मौजूद व्यक्ति उसका नाजायज फायदा उठाने लगता है। इसके साथ उसकी नजरों में आपके लिए इज्जत या अहमियत धीरे-धीरे कम होने लगती है। किसी को जरूरत से ज्यादा इज्ज्त देने से उसके स्वभाव में जमीन-आसमान का अंतर आ जाता है। इसीलिए चाणक्य कह गए हैं कि वक्त और इज्जत ऐसे दो बेशकीमती चीजें हैं जिनको जरूरत के अनुसार ही देना चाहिए। 

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