- धनतेरस के पर्व से होती है दीपावली की शुभ शुरुआत, इस वर्ष 2 नवंबर पर पड़ रही है यह तिथि।
- धनतेरस पर हुआ था समुद्र मंथन के दौरान धन्वंतरि देव का अवतरण, धन त्रयोदशी और धन्वंतरि के नाम भी जानी जाती है यह तिथि।
- धनतेरस के पर्व पर बर्तन खरीदने का है विधान, धन और स्वास्थ्य में वृद्धि करते हैं धन्वंतरि देव।
हिंदू पंचाग के अनुसार, हर वर्ष धनतेरस का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। हिंदू धर्मावलंबियों के लिए यह तिथि बहुत विशेष मानी गई है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी पर धन्वंतरि देव का अवतरण हुआ था। कहा जाता है कि जब धन्वंतरि देव प्रकट हुए थे तब उनके हाथों में कलश था जिसके अंदर अमृत मौजूद था। इसीलिए इस दिन धन्वंतरि देव की पूजा करना बहुत शुभ माना गया है। इस तिथि को धनतेरस के साथ धन्वंतरि जयंती और धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू परंपराओं के मुताबिक, धनतेरस पर बर्तन, गहने आदि चीजों को खरीदना लाभदायक होता है।
कहा जाता है कि इस तिथि पर धन्वंतरि देव तथा मां लक्ष्मी की पूजा करने से जातकों के जीवन में कभी धन की कमी नहीं होती है, इसके साथ जातकों के धन के साथ स्वास्थ्य में भी वृद्धि होती है। इस दिन धन के देवता कुबेर देव की पूजा का भी विधान है। यहां जानें इस वर्ष धनतेरस का पर्व कब मनाया जाएगा और इसका क्या महत्व है।
Dhanteras 2021 date and time in India, Dhanteras kab hai 2021, धनतेरस 2021 तिथि व मुहूर्त
धनतेरस तिथि: - 02 नवंबर 2021, मंगलवार
प्रदोष काल: - शाम 05:35 से 08:11 तक
वृषभ काल: - शाम 06:18 से शाम 08:14 तक
Dhanteras 2021 Puja time Muhurat, धनतेरस 2021 पूजन शुभ मुहूर्त : - शाम 06:18 से 08:11 तक
Dhanteras spiritual significance in hindi, जानें क्या है धनतेरस का महत्व
धनतेरस का पर्व हिंदू धर्मावलंबियों के लिए बहुत विशेष माना गया है। धनतेरस पर धन्वंतरि देव, कुबेर देव तथा मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस पर धन्वंतरि देव, कुबेर देव और मां लक्ष्मी की पूजा करने से जातकों को सुख-समृद्धि, धन तथा वैभव का वरदान मिलता है। प्राचीन परंपराओं के अनुसार, इस दिन लोग आपने घरों में आभूषण, नए बर्तन, चांदी के सिक्के, नए कपड़े आदि चीजें लेकर आते हैं। इन चीजों के आगमन से घर में सकारात्मकता आती है।