- छठ पूजा का त्योहार षष्ठी तिथि को मनाया जाता है।
- छठ पूजा को करने से छठी मईया हर मनोकामना को शीघ्र पूर्ण कर देती है।
- छठ त्योहार में सूर्य देवता का विधिवत व्रत रखा जाता है।
Chhath Puja 2021 Chhath Puja Ki Aarti & Puja Mantra Lyrics In Hindi: उत्तर भारत के पूर्वी यूपी, झारखंड और बिहार का लोकपर्व छठ का आज (11 नवंबर) आखिरी दिन है। चार दिन तक चलने वाले इस त्योहार में सूर्य देवता का विधिवत व्रत रखा जाता है। इसके बाद सूर्य भगवान की पूजा-अर्चना की जाती है। छठ पूजा का त्योहार षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाय खाय से शुरू होता है।
पंचम तिथि पर खरना और षष्ठी पर छठ पूजा और सप्तमी तिथि पर उषा अर्घ्य होता है। छठ पूजा संतान प्राप्ति, संतान की सुरक्षा और सुखमय जीवन के लिए भक्त पूरी श्रद्धा के साथ करते हैं। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार छठ पूजा को करने से छठी मईया हर मनोकामना को शीघ्र पूर्ण कर देती है।
छठ पूजा मंत्र (Chhath Puja mantra)
ॐ मित्राय नम:
ॐ रवये नम:
ॐ सूर्याय नम:
ॐ भानवे नम:
ॐ खगाय नम:
ॐ घृणि सूर्याय नम:
ॐ पूष्णे नम:
ॐ हिरण्यगर्भाय नम:
ॐ मरीचये नम:
ॐ आदित्याय नम:
ॐ सवित्रे नम:
ॐ अर्काय नम:
ॐ भास्कराय नम:
ॐ श्री सवितृ सूर्यनारायणाय नम:
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सूर्यदेव मंत्र (Chhath Puja Surya Dev mantra)
आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीदमम् भास्कर।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते।।
अर्घ्य देते समय सूर्य अर्घ्य मंत्र (Chhath Puja Surya Arghya mantra)
ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।
ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।
छठ पूजा आरती (Chatth Puja Aarti)
जय छठी मैया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।। जय।।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदिति होई ना सहाय।
ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।। जय।।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।। जय।।
अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडरराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।।जय।।
ऊ जे सुहनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।। जय।।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।।जय।।
ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।।जय।।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।।जय।।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।।जय।।