- उत्तर भारत का लोकपर्व छठ पूजा धूमधाम से मनाया गया।
- छठ पूजा पर श्रद्धालुओं ने नदी, घाट पर डुबकी लगाई।
- छठ पूजा के मौके पर डूबते और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया।
मुंबई. दुनियाभर में छठ पूजा का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। आठ नवंबर को नहाय खाय से शुरू हुआ ये पर्व 11 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देते हुए खत्म हो गया। दिल्ली, पटना और मुंबई से लेकर नेपाल तक श्रद्धालुओं की नदियों, तालाबों और घाटों पर भीड़ उमड़ी रही।
छठ पूजा पर देशभर से श्रद्धालुओं की तस्वीरें सामने आई है। दिल्ली में व्रती ने यमुना के जहरीले झाग के बीच खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देकर 36 घंटे का अपना व्रत खोला। भारत के अलावा नेपाल में भी छठ पूजा धूम धाम से मनाया गया। बिहार के किशनगंज जिले के भद्रपुर-गलगलिया बार्डर पर भारत और नेपाल के श्रद्धालु एक साथ मिलकर सूर्यदेव की उपासना करते हैं।
चार दिन तक इस विधि से होती है छठ पूजा
छठ पूजा के पहले दिन को नहाय खाय कहते हैं। इस दिन व्रती स्नान करके नए वस्त्र को धारण करते हैं। दूसरे दिन को खरना कहते हैं। पूरे दिन व्रत करने के बाद शाम को व्रती गुड़ से बनी खीर और रोटी का भोजन करते हैं। तीसरे दिन छठ पूजा का प्रसाद बनाते हैं। टोकरी की पूजा कर व्रती सूर्य को अर्घ्य देने के लिए तालाब, नदी या घाट पर जाते हैं और स्नान कर डूबते सूर्य की पूजा करते हैं। चौथा दिन को प्रातः सूर्योदय के समय विधिवत पूजा कर प्रसाद वितरित करते हैं।
महिलाएं रखती हैं व्रत
छठ पूजा पर घर की महिलाएं व्रत रखती हैं। परिवार की खुशहाली और बच्चों की सुख समृद्धि के लिए माताएं उपवास रखती हैं और छठ का महापर्व मनाती हैं। ये एक निर्जला व्रत होता है।
त्योहार के दौरान पूरा परिवार एक साथ इकट्ठा होता है और एक साथ ही सूर्य देव की प्रार्थना करता है। छठ भारत में उत्तर भारत खासकर बिहार, पूर्वी यूपी और झारखंड का लोकपर्व है।