- कार्तिक अमावस्या को दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।
- घर में मां लक्ष्मी, भगवान श्री गणेश, देवी सरस्वती, कुबेर, मां काली और भगवान विष्णु की होती है पूजा।
- इसी दिन मां लक्ष्मी सागर मंथन के दौरान प्रकट हुई थीं।
Diwali 2021 Date, Time, Puja Muhurat:Diwali 2021: देश भर में दीपावली का त्योहार पूरे धूमधाम से मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में दीपावली बेहद खुशी का पर्व है और हिंदू पंचांग अनुसार यह हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को होता है। दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन सबसे महत्वपूर्ण है। लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त हर शहर में अलग-अलग होता है। फिलहाल दिवाली की पूजा का मुहूर्त शुरू हो गया है, जिसमें लोग पूजा कर सकते हैं।
कार्तिक अमावस्या को ये त्योहार मनाया जाता है। दिवाली इस साल 4 नवंबर को है। दिवाली के दिन घर में मां लक्ष्मी, भगवान श्री गणेश, देवी सरस्वती, कुबेर, मां काली और भगवान विष्णु की पूजा की जाती हैं। शास्त्र अनुसार इसी दिन मां लक्ष्मी सागर मंथन के दौरान प्रकट हुई थी। ऐसी मान्यता है कि दीपावली के दिन माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करने के लिए आती है। दीपावली की पूजा प्रदोष काल में बेहद शुभ मानी जाती है।
लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त ( Diwali 2021 Diwali Laxmi Pujan Timings)
लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 6 बजकर 10 मिनट से रात- 8 बजकर 6 मिनट तक
लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल का मुहूर्त – शाम 5 बजकर 35 मिनट से रात 8 बजकर 10 मिनट तक
लक्ष्मी पूजा का निशिता काल मुहूर्त – रात 11बजकर 38 मिनट से 12 बजकर 30 मिनट तक
जानिए हर शहर का शुभ मुहूर्त (Diwali 2021 City wise Shubh Muhurat)
- पुणे:शाम 6:39 बजे से रात 8:32 बजे तक
- चेन्नई: शाम 6:21 से रात 8:10 बजे तक
- जयपुर:शाम 6:17 बजे से रात 8:14 बजे तक
- हैदराबाद:शाम 6:22 बजे से रात 8:14 बजे तक
- गुड़गांव: शाम 6:10 बजे से रात 8:05 बजे तक
- कोलकाता: शाम 5:34 मिनट से 7:31 मिनट तक
- अहमदाबाद: शाम 6:37 मिनट से 8:33 मिनट तक
- भोपाल: 6:17 मिनट से 8:14 मिनट तक
- लखनऊ शाम 5:57 मिनट से 7:53 मिनट तक
- कानपुर: शाम 6:00 मिनट से 7:57 मिनट तक
- शिमला: शाम 6:04 मिनट से 7:59 मिनट तक
- जम्मू: शाम 6:10 मिनट से 08:04 मिनट तक
- श्रीनगर: शाम 6:08 मिनट से 08:01 मिनट तक
- गुवहाटी: शाम 5:15 मिनट से 7:12 मिनट तक
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दीपावली पूजा का महत्व ( Diwali 2021 Laxmi Pujan Significance)
मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए दीपावली का दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से उनकी कृपा व्यक्ति पर सदैव बनी रहती है। व्यक्ति को धन का कभी अभाव नहीं होता है। शास्त्रों के अनुसार इस रात मां लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करने आती है। ऐसी मान्यता हैं, कि दीपावली के दिन माता जिस घर में सफाई, प्रकाश व देवी देवताओं की पूजा विधि विधान करते देखती हैं, वैसे घरों को छोड़कर माता नहीं जाती हैं। मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख और वैभव की कमी कभी नहीं होती हैं।
दीपावली पूजा की कथा (Diwali Pujan Katha)
पौराणिक कथा के अनुसार एक गांव में साहूकार रहता था। उसकी बेटी प्रतिदिन पीपल पर जल चढ़ाकर पूजा किया करती थी। जिस पीपल पर जल चढ़ाते थी उस पीपल पर साक्षात मां लक्ष्मी निवास करती थी। एक दिन लक्ष्मी जी ने साहूकार की बेटी से कहा, मैं तुम्हारी मित्र बनना चाहती हूं। तब लड़की ने यह बात अपने पिता से जाकर कहीं और उसने अपने पिता से पूछा कि क्या मैं उसे अपना मित्र बना सकती हूं।
स्वीकार कर ली मित्रता (Diwali 2021 vrat katha)
पिता ने उसे हां कह कर भेज दिया। दूसरे दिन साहूकार की बेटी ने मां लक्ष्मी से मित्रता करने की बात स्वीकार कर ली। दोनों मित्र बनकर खूब बातचीत करने लगें। एक दिन मां लक्ष्मी साहूकार की बेटी को अपने घर ले गई और वहां उसका खुद स्वागत सत्कार किया। उसे तरह-तरह के भोजन करवाएं।जब साहूकार की बेटी वापस घर लौट रही थी, तो मां लक्ष्मी ने उससे पूछा कि तुम मुझे अपने घर कब ले जाओगी।
आर्थिक स्थिति देखकर हो गई उदास (Diwali vrat story)
साहूकार की बेटी ने अपने घर की आर्थिक स्थिति को देखकर बहुत उदास हो गई। उसे लगा कि वह शायद मां लक्ष्मी का स्वागत ठीक से नहीं कर पाएगी।यह देख साहूकार दुखी हो गया और वह समझ गया कि उसकी बेटी क्यों उदास हैं। तब उसने अपने बेटे से कहा, कि तुम तुरंत मिट्टी से चौका लगाकर सफाई करो और चार बत्ती के मुख वाला दिया जलाकर लक्ष्मी माता का नाम लेकर वहां बैठकर उनका पूजन करों।
माता लक्ष्मी ने दूर की समस्या (Diwali vrat katha 2021)
साहूकार की बेटी अपने पिता के बात को सुनकर वैसा ही की। जैसी ही वह वहां वह बैठी थी उसी समय एक चील किसी रानी का नौलखा हार लेकर जा रहा था और वह हार उसी समय उसके चोंच से गिर गए।
यह देख कर साहूकार की बेटी बड़ी खुशी हुई और उसने वह हार को बेचकर उस से लिए गए पैसे से सामान खाने के सामान खरीद कर मां लक्ष्मी का स्वागत किया। उसके स्वागत को देखकर मां लक्ष्मी बहुत प्रसन्न हुई। तब माता ने प्रसन्न होकर साहूकार की सारी समस्याओं को दूर कर उसे अमीर बना दिया।