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Ganesh Chaturthi Vrat Paran Vidhi: क्यों जरूरी है गणेश चतुर्थी के व्रत का पारण? जानिए कब और किस विधि से खोलें अपना व्रत

Updated Aug 31, 2022 | 20:13 IST

Ganesh Chaturthi Vrat Paran Vidhi in Hindi: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व इस वर्ष 31 अगस्त को मनाया जा रहा है। यहां जानें क्यों इस व्रत का पारण करना जरूरी माना गया है। इसके साथ देखें व्रत खोलने के लिए विधि और शुभ मुहूर्त।

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Ganesh Chaturthi 2022 Vrat Ka Paran (Pic: iStock)
मुख्य बातें
  • आज मनाया जा रहा है गणेश चतुर्थी का पर्व।
  • जरूरी है गणेश चतुर्थी के व्रत का पारण।
  • व्रत का पारण करने से ही मिलता है शुभ फल।

Ganesh Chaturthi Vrat Paran Vidhi: देश भर में गणेश चतुर्थी की धूम मची है। पार्वती पुत्र गणेश का जन्म इसी दिन हुआ था। यह पावन पर्व सावन महीने के ठीक बाद यानी भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। 10 दिवसीय वाला यह त्योहार इस साल 31 अगस्त से लेकर 9 सितंबर तक चलने वाला है। इस व्रत को लेकर कई पौराणिक मान्यताएं हैं। इसके अनुसार किसी भी व्रत का विशेष फल, विधि पूर्वक पारण से प्राप्‍त होता है। आइए जानते हैं गणेश चतुर्थी से जुड़े व्रत के पारण ओर इसके शुभ मुहूर्त के बारे में।

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क्या होता है पारण:

पौराणिक मान्यता और कथाओं के अनुसार, किसी भी व्रत को धारण करने के बाद विधि-विधान से व्रत खोलना ही पारण है। पारण के बिना हर व्रत अधूरा रहता है। इसलिए लोग गणेश चतुर्थी पर भी 10 दिनों का व्रत रख ग्यारहवें दिन इसे खोलते हैं। इसे विधिवत रूप से खोलने के लिए नियम को जानना बेहद जरूरी है। 

Ganesh Chaturthi 2022 Puja Vidhi, Paran Vidhi

गणेश चतुर्थी व्रत पारण विधि: 

-गणेश चतुर्थी के दिन सबसे पहले प्रातः उठकर स्नान आदि नित्य कार्यों के बाद साफ वस्त्र धारण करें। 
-फिर घर के ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में एक चौकी स्थापित करें।
-चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर  बप्पा की प्रतिमा रखें। साथ ही यहां कलश भी रखें।
-अब उस कलश पर रोली से टीका लगाएं और स्वास्तिक बनाएं।
-इसके बाद भगवान को सफेद गुड़ का तिलकुट और तिल चढ़ाएं।
-फिर भगवान गणेश के मंत्रो का जाप करके धूप दीप करें। 
-इसके बाद भगवान गणपति की आरती कर उन्हें मोदक और लड्डू का भोग लगाएं। 
-इस तरह पूरे दिन व्रत रखकर शाम के समय व्रत का पारण करें। 
-व्रत को सार्थक बनाने के लिए कलश पर चढ़े तिलकुट का सेवन कर पारण करें।
-ध्यान रहे! पारण के दौरान किसी पंडित को प्रसाद के साथ कुछ दक्षिणा दान करना ना भूलें। ऐसा करने से धारक को शुभ फल की प्राप्ति होती है और इनका व्रत सफल हो जाता है।

मान्यताओं के अनुसार, किसी भी व्रत का पारण करना जरूरी होता है। कहा जाता है कि व्रत का फल पारण करने पर ही मिलता है। इसलिए गणेष चतुर्थी के व्रत का पारण करना भी जरूरी माना गया है। 

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