नई दिल्ली: इस वर्ष 31 मार्च को हनुमान जयंती मनाया जाएगा। यूं तो शास्त्रों के मुताबिक मंगलवार और शनिवार हनुमान जी का दिन होता है और उस दिन उनकी अराधना का साधक को विशेष लाभ होता है। लेकिन ऐसी मान्यता है कि हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी से जुड़ी कोई भी अराधना साधक या भक्त को अति विशेष फल प्रदान करती है।
इस दिन अगर आप किसी भी भगवान हनुमान के मंदिर में संपूर्ण चोला चढ़ाते हैं तो उसका भी खास लाभ होता है। आइए जानते हैं कि 31 मार्च यानी हनुमान जयंती के दिन किन तीन उपायों का आपको विशेष लाभ प्राप्त हो सकता है। अक्सर देखा जाता है कि हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाया जाता है और कई लोग मन्नत पूरी होने के बाद भी हनुमानजी पर सिंदूर चढ़ाते हैं।
सिंदूर का लेप
भगवान हनुमान को सिंदूर अर्पित किया जाता है। उनका चोला हर मंगलवार और शनिवार को बदला जाता है। लेकिन इससे पहले उनकी प्रतिमा पर सिंदूरी लेप किया जाता है। गौर हो कि सिंदूर असीम ऊर्जा का प्रतीक है। इससे जीवन में सकारात्मकता आती है। हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाने से एवं मूर्ति का स्पर्श करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
इस दिन यानी 31 मार्च को आप सुबह ही अपने घर के नजदीक किसी भी हनुमान मंदिर में पहुंच जाएं। पंडित जी जो सिंदूर हनुमान जी को लेप करने के लिए बना रहे हों आप उसमें उनसे अनुरोध कर सहयोग करें। अगर आप खुद सिंदूर बनाकर लेप करने में पंडित जी का सहयोग करें तो यह बेहद उत्तम है। ऐसा करने से आपको हनुमान जी का विशेष आशीष प्राप्त होगा। इसके बाद आप निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करते हुए चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर या सीधे प्रतिमा पर हल्का सा देसी घी लगाकर उस पर सिंदूर का चोला चढ़ा दें-
सिन्दूरं रक्तवर्णं च सिन्दूरतिलकप्रिये।
भक्तयां दत्तं मया देव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम।।
लेपन और चोला चढ़ाने के बाद आप पंडित जी से तिलक जरूर लगवाएं।
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हनुमान चालीसा का पाठ
हनुमान चालीसा का पाठ कलिकाल में बेहद कल्याणकारी माना गया है। इसका पाठ बेहद सरल होता है। कहा जाता है कि इसकी हर चौपाई में असीम शक्ति छिपी है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करता है उसकी हर मनोकामना हनुमान जी पूरी करते हैं। शास्त्रों के मुताबिक जब कभी भी आपको आर्थिक संकट का सामना करना पड़े तो मन में हनुमान जी का ध्यान करके हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू कर दीजिए।
आपको काफी कम समय में सुखद परिणाम दिखना शुरू हो जाएगा। ऐसा करने से जल्द ही आर्थिक चिंताएं दूर हो जाएगी। अगर यह क्रम मंगलवार से शुरू करें तो बेहतर रहेगा और ध्यान रहें इसका पाठ किसी भी दिन छोड़ें नहीं। यह भी कहा जाता है कि जो व्यक्ति नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करता है उसके आस-पास नकारात्मक शक्तियां नहीं आती हैं और वह आत्म विश्वास और उर्जा से परिपूर्ण हो जाता है।
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हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने वाले व्यक्ति का मनोबल बढ़ जाता है और उसे किसी भी तरह का भय नहीं रहता है। हनुमान चालीसा के पाठ से मानसिक शांति मिलती है। जो लोग अक्सर बीमार रहते हैं या काफी उपचार के बाद भी जिनका रोग दूर नहीं होता उन्हें नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
जानकारों के मुताबिक हनुमान जयंती के दिन हनुमान चालीसा का पांच या 11 बार पाठ से आपको विशेष फल प्राप्त होता है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। हनुमान जी की कृपा पाने के लिए छात्रों को नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। छात्र जीवन में चालीसा का पाठ करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है और शिक्षा के क्षेत्र में कामयाबी मिलती है।
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मंदिर जाकर करें कोई भी उपाय
आप हनुमान जयंती के दिन मंदिर जाकर इनमें से कोई भी उपाय या फिर आपके लिए जो भी संभव हो कर सकते हैं-
- हनुमान जी के मंदिर जाएं , उन्हें केसरी रंग का चोला चढ़ाएं और बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं।
- हनुमान जी के मंदिर में चमेली के तेल का दीया अर्पित करें और शनि देव के मंदिर में सरसों के तेल का दिया जलाएं।
- हनुमान जी को लौंग लगे मीठे पान का भोग लगाएं।
- सिर से 8 बार नारियल वारकर हनुमान जी के चरणों में रखें।
- उड़द के दानों पर सिंदूर लगाकर हनुमान जी की प्रतिमा पर अर्पित करें।
- 5 देसी घी के रोटी का भोग हनुमान जयंती पर लगाने से दुश्मनों से मुक्ति मिलती है।
- कोरोबार में वृद्धि के लिए हनुमान जयंती को सिंदूरी रंग का लंगोट हनुमानजी को पहनाइए।
ध्यान दें कि हनुमान जी की पूजा में शुद्धता का बड़ा महत्व है। इसलिए हनुमान जयंती पर उनकी पूजा करते समय अपना तन मन पूरी तरह स्वच्छ कर लें। इसका मतलब है कि मांस या मदिरा इत्यादि का सेवन करके भूल से भी ना तो हनुमान जी के मंदिर ना जाये और ना घर पर उनकी पूजा न करें। पूजन के दौरान गलत विचारों की ओर भी मन को भटकने न दें।
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