नई दिल्ली: हनुमान जी को राम भक्त बताते हुए उनके बारे में रामायण, श्रीरामचरितमानस, महाभारत समेत कई हिंदू धर्म ग्रंथों में मिलती है। लेकिन ब्रह्मांडपुराण नाम के ग्रंथ में उनके बारे में कुछ बातें बताई गई हैं जिनका उल्लेख दूसरी जगहों पर नहीं मिलता है। खासतौर पर इसमें उनके परिवार के बारे में बताया गया है।
ब्रह्मांडपुराण में हनुमान जी के पिता केसरी और उनके पुत्रों के बारे में बताया गया है। इसमें वानर राज केसरी के कुल 6 पुत्र बताए गए हैं और अपने भाइयों में बजरंगबली को ज्येष्ठ बताया गया है।
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केसरीनंदन के पांच भाइयों के नाम इस तरह हैं - मतिमान, श्रुतिमान, केतुमान, गतिमान और धृतिमान। इन सभी की संतानों का उल्लेख भी इस ग्रंथ में किया गया है। महाभारत काल में पांडु पुत्र व बलशाली भीम को भी हनुमान जी का ही भ्राता कहा गया है।
वहीं इस ग्रंथ में हनुमान जी के पुत्र का वर्णन भी है जिसका नाम मकरध्वज बताया गया है।
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आम के पत्तों से मिलती है हनुमान कृपा
धार्मिक मान्यता के अनुसार आम को हनुमान जी का प्रिय फल माना जाता है। इसलिए जहां भी आम और आम का पत्ता होता है वहां हनुमान जी की विशेष कृपा बनी रहती है।
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वहीं माना जाता है कि आम की लकड़ी, घी, हवन सामग्री आदि के हवन में उपयोग से वतावरण में सकारात्मकता बढ़ती है। बाहर से आने वाली हवा जब भी इन पत्तियों का स्पर्श कर घर में प्रवेश करती है तो वह खुद में सकारात्मक कणों को लाती है। ऐसी वायु से घर में सुख व समृद्धि बढ़ती है, और ऐसे घर को कलह कभी भी जकड़ नहीं सकती। इसके अलावा ऐसा भी माना जाता है कि प्रवेश द्वार पर आम की पत्तियां लटकाने से हनुमान जी घर की रक्षा करते हैं और बिना विघ्न सारे मांगलिक कार्य पूरे हो जाते हैं।
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