नई दिल्ली: होली रंगों का त्यौहार है। इस दिन सभी लोग रंगों से सराबोर होते हैं। होली से ठीक एक दिन पहले होलिका दहन होता है। इस साल होलिका दहन 20 मार्च को और होली 21 मार्च को होगी। होलिका दहन से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। अगर आप होलिका दहन के दिन कुछ उपायों को प्रयोग करें तो पूरे साल अपने जीवन में खुशहाली और समृद्धि ला सकते है। होलिका दहन और पूजा करने का महत्व पुराणों में भी है और ऐसा माना जाता है कि होली की पूजा करने से महालक्ष्मी प्रसन्न हो जाती हैं।
होलिका दहन से पहले क्या करना चाहिए?
- होलिका दहन से पहले आपको और आपके सभी परिवार के सदस्यों को हल्दी का उबटन,सरसो तेल में मिलाकर पूरे बदन पर करना चाहिए।
- फिर सूखने के बाद उसे एक कागज में शरीर से छुड़ाकर जमा कर लें।
- फिर आप 5 या 11 गाय के उपले, एक मुट्ठी सरसो के दाने, नारियल का सूखा गोला लें।
- फिर नारियल के सूखे गोले में जौ,तिल,सरसो का दाना,शक्कर,चावल और घी भर लें।
- फिर उसे होलिका की जलती हुई अग्नि में प्रवाहित कर दें। साथ में उबटन के निकाले गए अंश को भी अग्नि में डाल दें
- होलिका दहन होने से पहले या फिर बाद में शाम के वक्त घर में उत्तर दिशा में शुद्ध घी का दीपक जलाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख शांति आती है।
- होलिका का परिक्रमा करने का भी बहुत महत्व है। ऐसा करने से हर तरह की परेशानियां, रोग और दोष खत्म हो जाते हैं। इसलिए आप परिक्रमा जरूर करें।
होलिका दहन के बाद क्या करना चाहिए।
- होलिका दहन से पहले पूजा करते समय हल्दी का टीका लगाएं।
- आपने जो भी चीजें अग्नि में अर्पित की है उसके बाद सुख-शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना करें।
- होलिका के चारों ओर 7 बार परिक्रमा करके जल अर्पित करें क्योंकि ऐसा करने से घर में समृद्धि आती है।
20 मार्च को सुबह10:45 से रात्रि 08:59 तक भद्रा रहेगी। इसलिए रात्रि 9 बजे के बाद होलिका दहन करना चाहिए। होलिका दहन की रात्रि में श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करना लाभकारी होता है। जीवन में दुखी लोग सुंदरकांड का पाठ अवश्य करें। शनि की साढ़ेसाती से या शनि की महादशा से प्रभावित लोग शनि के बीज मंत्र का जप करें एवम हनुमान जी की विधिवत अराधना करें। इस दिन होलिका दहन के बाद घर आकर भी पूजा घर में एक दीया जरूर जलाएं।