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Krishna Janmashtami 2022 Date: कब है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Updated Aug 16, 2022 | 10:26 IST

Krishna Janmashtami 2022 Date (कब है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी): हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रात्रि 12 बजे हुआ था। इसलिए जन्माष्टमी 18 अगस्त को होगी। जबकि कुछ लोगों का मानना है कि 19 अगस्त को पूरे दिन अष्टमी तिथि होगी और उदयातिथि के अनुसार इसी दिन जनमाष्टमी मनाई जाएगी। जानते हैं क्या है जन्माष्टमी की तिथि और पूजा मुहूर्त।

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जन्माष्टमी तिथि व मुहूर्त
मुख्य बातें
  • अर्धरात्रि के 12 बजे हुआ था श्रीकृष्ण का जन्म
  • 18 अगस्त और 19 अगस्त दोनों दिन मनाई जाएगी जन्माष्टमी
  • जन्माष्टमी पर बन रहा दुर्लभ ध्रुव और वृद्धि योग

Janmashtami 2022 Date: भारत में जन्माष्टमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। खासकर वृंदावन, बरसाना, मथुरा और द्वारका में जन्माष्टमी की धूम देखने को मिलती है। जन्माष्टमी के मौके पर यहां के मंदिरों में विशेष आयोजन होते हैं और रात्रि जागरण भी होते हैं। बता दें कि जन्माष्टमी का त्योहार श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसलिए इस दिन श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा की जाती है। लेकिन जन्माष्टमी पर्व की तिथि को लेकर प्रत्येक वर्ष मतभेद होते हैं। इस बार भी जन्माष्टमी के लिए 18 अगस्त और 19 अगस्त दो दिन बताई जा रही है। जानते हैं जन्माष्टमी की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

Krishna Janmashtami 2022 Date: Check here

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2022 तिथि व शुभ मुहूर्त
जन्माष्टमी तिथि- 18 अगस्त 2022,  गुरुवार
अष्टमी तिथि आरंभ- गुरुवार 18 अगस्त रात्रि  09: 21 से 
अष्टमी तिथि समाप्त- शुक्रवार 19 अगस्त रात्रि 10:59 तक

जन्माष्टमी 2022 विशेष मुहूर्त और राहुकाल
अभिजीत मुहूर्त- 12:05 -12:56 तक 
वृद्धि योग- बुधवार 17 अगस्त  दोपहर 08:56 – गुरुवार 18 अगस्त रात्रि 0841 तक
राहुकाल- गुरुवार 18 अगस्त दोपहर 02:06 -03:42 तक

अष्टमी तिथि में होती है जन्माष्टमी

भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इसलिए जन्माष्टमी की पूजा अष्टमी तिथि में करने का विधान है। पंचांग के अनुसार 18 अगस्त 2022 रात्रि 09:21 अष्टमी तिथि से शुरू होगी। इसी दिन ध्रुव और वृद्धि योग भी बन रहा है। अष्टमी तिथि का समापन 19 अगस्त 2022 रात्रि 10:50 पर होगा। ऐसे में कुछ लोग 18 अगस्त को ही जन्माष्टमी का व्रत रखेंगे और पूजा करेंगे।

कुछ ज्योतिष जानकारों के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रात्रि 12 बजे हुआ था और 19 अगस्त को पूरे दिन अष्टमी तिथि रहेगी और सूर्योदय भी इसी दिन होगा। इसलिए जन्माष्टमी 19 अगस्त को मनाई जानी चाहिए। वहीं द्वारिकाधीश मंदिर,बांके बिहारी मंदिर और मथुरा के मंदिरों में भी 19 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। बता दें कि वैष्णव संप्रदाय और स्मार्त संप्रदाय मत को मानने वाले लोग जन्माष्टमी को अलग-अलग नियमों से मनाते हैं।

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जन्माष्टमी पूजा विधि

जन्माष्टमी पर सुबह उठकर स्नान आदि करें और पूरे दिन व्रत रखें। भगवान श्रीकृष्ण को गंगाजल और दूध से स्नान कराएं और नए वस्त्र पहनाकर मोर मुकुट, बांसुरी, वैजयंती माला, कुंडली, तुलसी दल, कुंडल आदि से उनका श्रृंगार करें। भगवान श्रीकृष्ण के झूले को भी फूल मालाओं से सजाएं। पूजा में श्रीकृष्ण को फल, फूल, मखाने, मक्खन, मिश्री का भोग, मिठाई, मेवे आदि चढ़ाएं और धूप-दीप जलाएं। इसके बाद पुन: रात 12 के बाद श्रीकृष्ण की पूजा करें उन्हें झूला झुलाएं और आरती करें। इसके बाद सभी में प्रसाद बाटें। जन्माष्टमी के दिन पूजा के बाद भजन-कीर्तन भी किए जाते हैं और कई मंदिरों में इस दिन रात्रि जागरण भी होते हैं।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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