- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह समस्या तब होती है जब कुंडली में ग्रह की दशा खराब होती है
- हर व्यक्ति की कुंडली में नौ ग्रह होते हैं, ये नौ ग्रह हैं- सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि ,राहु व केतु
- इन ग्रहों की कुंडली में स्थिति से ही व्यक्ति के जीवन में सुख और दुख आता रहता है
Benefits Of Beej Mantras of Navagrahas: कई बार व्यक्ति के जीवन में अचानक से समस्या आने लगती हैं और उन समस्याओं का कोई निपटारा नहीं हो पाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह समस्या तब होती है जब कुंडली में ग्रह की दशा खराब होती है। हर व्यक्ति की कुंडली में नौ ग्रह होते हैं। ये नौ ग्रह हैं- सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि ,राहु व केतु। इन ग्रहों की कुंडली में स्थिति से ही व्यक्ति के जीवन में सुख और दुख आता रहता है। इनकी अच्छी स्थिति व्यक्ति को सुख समृद्धि देती है व ग्रहों की खराब स्थिति की वजह से व्यक्ति को कई तरह के संकटों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में नवग्रहों के बीज मंत्रों का जाप करने से आने वाले आने वाले संकट को रोका जा सकता है। आइए जानते हैं इन मंत्रों के बारे में।
सूर्य की स्थिति सुधारने के लिए
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य की स्थिति खराब, अंतर्दशा या सूर्य की महादशा चल रही हो तो सूर्य के इस मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप 7000 बार करना चाहिए।
।। ऊँ ह्रीं ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।।
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चंद्रमा की स्थिति सुधारने के लिए
यदि किसी की कुंडली में चंद्र की प्रत्यंतर, या महादशा चल रही हो तो चंद्रमा का जाप करें। इस मंत्र का जाप 11,000 बार करना चाहिए।
।। ऊँ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्राय नमः।।
मंगल की स्थिति सुधारने के लिए
यदि किसी की कुंडली में मंगल की प्रत्यंतर, अंतर्दशा या महादशा चल रही हो तो इस मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप 10000 बार करना चाहिए।
।। ऊँ क्रां क्रीम् क्रौं सः भौमाय नमः।।
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बुध की स्थिति सुधारने के लिए
यदि किसी की कुंडली में बुध की प्रत्यंतर, अंतर या महादशा चल रही हो तो इस मंत्र का करें। इस मंत्र का जाप 9000 बार करना चाहिए।
।। ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।।
गुरु की स्थिति सुधारने के लिए
यदि किसी की कुंडली में गुरु की प्रत्यंतर, अंतर्दशा या महादशा चल रही हो तो इस मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप 19000 बार करना चाहिए।
।। ऊँ ज्र्रे ज्रीं ज्रौं सः गुरुवे नमः।।
शुक्र की स्थिति सुधारने के लिए
यदि किसी की कुंडली में शुक्र की प्रत्यंतर, अंतर्दशा या महादशा चल रही हो तो इस मंत्र का जप करें। इस मंत्र का जाप 16000 बार करना चाहिए।
।। ऊँ द्राम द्रुम द्रौम सः शुक्राय नमः।।
शनि की स्थिति सुधारने के लिए
यदि किसी की कुंडली में शनि की प्रत्यंतर, अंतर्दशा या महादशा चल रही हो तो इस मंत्र का करें। इस मंत्र का जाप 23000 बार करना चाहिए।
।। ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नम:।।
राहु की स्थिति सुधारने के लिए
यदि किसी जातक की कुंडली में राहु की प्रत्यंतर, अंतर या महादशा चल रही हो तो इस मंत्र का जप हर रोज करें। इस मंत्र का जाप 18000 बार करना चाहिए।
।। ऊँ भ्राम भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।।
केतु की स्थिति सुधारने के लिए
यदि किसी की कुंडली में केतु की प्रत्यंतर, अंतर्दशा या महादशा चल रही हो तो इस मंत्र का जप करें। इस मंत्र का जाप 17000 बार करना चाहिए।
।। ऊँ श्रां श्रीं श्रौं सः केतवे नमः।।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)