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Jitiya Vrat 2022 Puja Vidhi, Mantra: ऐसे करें जीमूतवाहन की पूजा, इस मंत्र के उच्चारण से पूरी होंगी मनोकामनाएं

Updated Sep 16, 2022 | 15:21 IST

Jitiya Vrat 2022 Date Kab Hai, Jivitputrika Vrat Date Mantra, Puja Vidhi: जितिया व्रत के दिन माताएं संतान की लंबी आयु के लिए निर्जला रहकर जीमूतवाहन की पूजा-अर्चना करती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को विधि-विधान से करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है।

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Jitiya Vrat 2022 Date, Time, Mantra, Puja Vidhi (Pic: iStock)
मुख्य बातें
  • 18 सितंबर को रखा जाएगा जितिया का व्रत
  • इस दिन मताएं निर्जला व्रत रखती हैं
  • जानें जितिया व्रत की पूजा विधि और मंत्र 

Jitiya Vrat 2022 Date, Time, Mantra, Puja Vidhi: जितिया व्रत हर माताओं के लिए बहुत खास पर्व है। इस व्रत को करने से संतान की लंबी आयु होती है। जितिया को जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहा जाता है। यह व्रत सप्तमी तिथि से शुरू होकर नवमी तिथि को समाप्त हो जाती है। आपको बता दें इस व्रत में पारण करने का भी समय निर्धारित रहता है। इस दिन माताएं निर्जला रहकर पूरी श्रद्धा के साथ अपनी संतान की लंबी आयु की कामना के लिए जीमूतवाहन भगवान की पूजा करती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को विधि विधान से करने से जीमूतवाहन बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते है। यदि आप भी अपनी संतान की लंबी आयु के लिए इस व्रत को करने की सोच रहे है, तो सबसे पहले इस व्रक की पूजा विधि और मंत्र जरूर जान लेना चाहिए।

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जितिया व्रत की पूजा विधि (Jitiya Vrat Ki Puja Vidhi)

- जितिया का व्रत सप्तमी तिथि के दिन से शुरू होता है।

- इस दिन व्रती नहाखा करके जीमूतवाहन की पूजा अर्चना करें।

- अगले दिन सुबह-सुबह नित्य क्रिया से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करके जितिया व्रत का संकल्प करें।

- शाम के समय कुश से जीमूतवाहन की मूर्ति बनाएं।

- अब एक जल पात्र में उन्हें स्थापित करें।

- आप उन्हें लाल और पीला रुई अर्पित करें।

- अपने संतान की सुरक्षा और वृद्धि के लिए जीमूतवाहन को धूप, दीप, बांस के पत्ते, अक्षत, फूल माला, सरसों का तेल और खल्ली अर्पित करें।

- अब गाय के गोबर और मिट्टी से मादा सियार और मादा चील की मूर्ति बनाएं।

Jitiya Vrat 2022 Date, Muhurat

- अब उन्हें सिंदूर खीरा और भीगे हुए केराव चढ़ाएं।

- पूजा करने के बाद जीमूतवाहन और पक्षीराज गरुड़ की कथा अवश्य पढ़ें या सुनें।

- कथा पढ़ने के बाद अंत में पूरी श्रद्धा के साथ आरती करें।

- अगले दिन भगवान जीमूतवाहन की पूजा करके दिए गए समय पर ही पारण करें।

जितिया व्रत का मंत्र  (Jitiya Vrat Ka Mantra)

पूजा मंत्र

कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा बसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि।।

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