- जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तब उसे संक्रांति के नाम से जाना जाता है।
- 16 जुलाई 2021 को सूर्य मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करेगा।
- सभी 12 संक्रांतियों में कर्क संक्रांति का विशेष महत्व है, कर्क राशि से उत्तरायण काल का अंत होता है।
Kark sankranti 2021 Date in Hindi : जब सूर्य एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करता है उस समय अवधि को संक्रांति के नाम से जाना जाता है। मकर राशि में 1 महीने तक गोचर करने के बाद अब सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करेगा। इस वर्ष कर्क संक्रांति 16 जुलाई 2021 को पड़ने वाली है। कहा जाता है कि 12 संक्रांतियों में कर्क संक्रांति का विशेष महत्व है क्योंकि इस संक्रांति से उत्तरायण समाप्त होता है और दक्षिणायन प्रारंभ होता है जिसकी अवधि 6 माह की होती है। कहा जाता है कि कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक और धनु राशि तक दक्षिणायन रहता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, यह कहा जाता है कि दक्षिणायन देवताओं की रात्रि होती है। दक्षिणायन काल में रातें लंबी हो जाती हैं और विवाह, उपनयन और मुंडन जैसे शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं।
यहां जानें, इस वर्ष कर्क संक्रांति कब पड़ रही है और इसका महत्व क्या है।
Kark sankranti 2021 date in hindi, कर्क संक्रांति 2021 कब है
कर्क संक्रांति तिथि: - 16 जुलाई 2021, शुक्रवार
कर्क संक्रांति पुण्य काल: - सुबह 05:34 से शाम 05:09 तक
संक्रांति महापुण्य काल: - दोपहर 02:51 से शाम 05:09 तक
कर्क राशि में प्रवेश करने का समय: - शाम 04:41
कर्क संक्रांति का महत्व, Kark Sankranti Mahatva in hindi
जानकार बता रहे हैं कि इस वर्ष कर्क संक्रांति आषाढ़ मास के दौरान पड़ने वाली है जिसका प्रभाव मेष राशि से मीन राशि तक पड़ने वाला है। कर्क राशि से उत्तरायण काल का समापन होता है और दक्षिणायन प्रारंभ हो जाता है जो मकर संक्रांति पर समाप्त होता है। कर्क संक्रांति पर सूर्य देव की उपासना करना अत्यधिक कल्याणकारी माना गया है। स्नान और दान करना कर्क संक्रांति के दिन उत्तम माना जाता है।