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Magh Month Rules: माघ मास में करें मीठी चीजों से परहेज, जानिए श्री कृष्‍ण के प्र‍िय माह के नियम व व्रत विधि

Updated Jan 18, 2022 | 05:59 IST

Magh Month Rules : ज्योतिषशास्त्र के अनुसार माघ के महीने में एक समय भोजन करना स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभप्रद होता है, इससे आरोग्य और एकाग्रता की प्राप्ति होती है। व्रत एवं त्योहारों की दृष्टि से भी यह महीना बेहद खास रहने वाला है।

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माघ महीने का नियम और व्रत विधि
मुख्य बातें
  • 18 जनवरी 2022, मंगलवार से हो रही है माघ माह की शुरुआत, यह महीना भगवान श्रीकृष्ण को है समर्पित।
  • माघ माह बदलते मौसम का होता है प्रतीक, इस समय अपने दिनचर्या व खानपान में करें बदलाव।
  • माघ महीने में जरूरतमंद व्यक्ति व ब्राह्मणों को दान करने का है विशेष महत्व।

Magh month 2022 : हिंदू धर्म में माघ के महीने का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्ताओं के अनुसार यह महीना श्रीहरि भगवान कृष्ण को समर्पित है। इस महीने किसी पवित्र नदी में स्नान कर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और विशेष फल की प्राप्ति होती है। पद्मपुरांण में वर्णित एक कथा के अनुसार भगवान श्रीहरि व्रत, दान एवं तपस्या से भी ज्यादा माघ मास में किसी पवित्र नदी में स्नान करने से प्रसन्न होते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास की शुरुआत पौष मास की समाप्ति के साथ 18 जनवरी 2022, मंगलवार से होकर 16 फरवरी 2022, रविवार को समाप्त हो रही है।

माघ माह बदलते मौसम का प्रतीक होता है, इसलिए इस समय अपने दिनचर्या व खानपान में भी बदलाव करना चाहिए। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार माघ के महीने में एक समय भोजन करना स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभप्रद होता है, इससे आरोग्य और एकाग्रता की प्राप्ति होती है। साथ ही माघ के महीने में उत्तरायण सूर्य प्रबल होता है। इस समय खाने में नैसर्गिक मिठास की प्रधानता होती है इसलिए मीठी चीजों से परहेज करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।

Magh Maas 2022 Vrat And Tyohar List

Magh Month Rules, माघ मास के नियम

माघ मास में स्नान दान का विशेष महत्व होता है। इस महीने संगम नदी के तट पर कल्पवास शुरु हो जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कल्पवास करने से व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है और स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस माह में सभी स्थानों के शुद्ध जल को गंगातुल्य माना जाता है। इसलिए यदि आप गंगा स्नान नहीं कर सकते तो प्रतिदिन घर में स्नान करें। इससे श्रीहरि की कृपा अपने भक्तों पर सदैव बनी रहती है।

श्रीकृष्ण को समर्पित माघ मास का महत्व

नियमित पूजा पाठ करें

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माघ के महीने में प्रतिदिन पूजा पाठ करना चाहिए, इससे घर में सुख समृद्धि का वास होता है और भक्तों पर सदैव श्रीहरि का आशीर्वाद बना रहता है। साथ ही नियमित रूप से भगवान कृष्ण को पीले फूल व पंचामृत अर्पित कर मधुराष्टक का पाठ करें। कहा जाता है कि इस महीने भगवान सत्यनारायण की कथा का पाठ करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

दान पुण्य का है विशेष महत्व

माघ महीने में जरूरतमंद व्यक्ति व ब्राम्हणों को दान करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस महीने दान पुण्य करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है और कष्टों का निवारण होता है। ऐसे में इस महीने किसी पात्र व्यक्ति या ब्राम्हणों को दान करें।

Monthly Rashifal January 2022 Hindi

खानपान और दिनचर्या में करें बदलाव

इस महीने से ठंड की विदाई शुरू हो जाती है। सूर्य के प्रकाश में तप बढ़ने लगता है, ऐसे में इस समय अपने खानपान व दिनचर्या में बदलाव करें। इस दौरान हल्का व सुपाच्य भोजन करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कहा जाता है कि माघ महीने में सूर्य के उत्तरायण में नैसर्गिक मिठास की प्रधानता होती है, इसलिए मीठी चीजों का सेवन कम करें। साथ ही गर्म पानी से स्नान को धीरे धीरे कम करना चाहिए और ताजे यानी शीतल जल से स्नान करना शुरू कर दें।

Magh Month vrat tyohar List 

हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का ग्यारहवां महीना और अंग्रेजी कैलेंडर का पहला महीना माघ होता है। इस महीने व्रत एवं त्योहारों की भरमार होने वाली है। माघ माह का पहला व्रत सकट चौथ या लंबोदर संकष्टी चतुर्थी है। इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश की विधिवत पूजा अर्चना का विधान है। इसके बाद कालाष्टमी, मेरू त्रयोदशी, प्रदोष व्रत, मौनी अमावस्या, माघ अमावस्या, विनायक चतुर्थी, वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा माह के खास पर्वों में से एक है। बता इस महीने गुप्त नवरात्रि की भी शुरुआत हो रही है।
 

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