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Mahashivratri 2022 Parana Time: महाशिवरात्रि 2022 व्रत का पारण कब करें, यहां देखें शुभ समय और व‍िध‍ि

Updated Mar 02, 2022 | 06:31 IST

Mahashivratri 2022 Parana Time, Puja Muhurat: महाशिवरात्रि के दिन विधिवत पूजा अर्चना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। वहीं विधिवत पूजन के साथ सही समय पर पारण करने से ही व्रत का पूर्ण फल मिलता है। पंडितों के मुताबिक पारण हमेशा समय पर विधि अनुसार करना चाहिए।

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महाशिवरात्रि 2022 व्रत का पारण कब और कैसे करें
मुख्य बातें
  • हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का है विशेष महत्व।
  • महाशिवरात्रि का पावन पर्व फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है
  • महाशिवरात्रि का पारण अमावस्या में नहीं करना चाहिए, इसलिए चतुर्दशी तिथि के अंत से पहले करें व्रत का पारण।

Mahashivratri 2022 Parana Time, Puja Muhurat Vidhi: सनातन धर्म में महाशिवरात्रि का व्रत विशिष्ट स्थान रखता है। इसे पूरे भारत वर्ष में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन महादेव के भक्त तल्लीन होकर पूजा अर्चना करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि का पावन पर्व फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है, चतुर्दशी तिथि आज सुबह 03 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर रात्रि 01 बजे समाप्त होगी।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन विधिवत पूजा अर्चना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। वहीं विधिवत पूजन के साथ सही समय पर पारण करने से ही व्रत का पूर्ण फल मिलता है। पंडितों के मुताबिक पारण हमेशा समय पर विधि अनुसार करना चाहिए। ऐसे में आइए जानते महाशिवरात्रि 2022 पारण समय (Maha Shivratri 2022 Paran Samay) और विधि।

Maha shivratri 2022 Paran Date And Shubh Muhurat, महाशिवरात्रि 2022 पारण तिथि और सही समय

  • महाशिवरात्रि 2022: 1 मार्च 2022, मंगलवार
  • चतुर्दशी तिथि की शुरुआत: 1 मार्च 2022, सुबह 03 बजकर 16 मिनट से
  • चतुर्थी तिथि की समाप्ति: 02 मार्च 2022, सुबह 1 बजे तक।
  • पारण का समय: 1 मार्च, रात्रि 12 बजकर 17 मिनट पर।


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महाशिवरात्रि व्रत पारण का नियम

धर्मसिंधु के अनुसार अगर तीनों प्रहारों के बाद चतुर्दशी तिथि समाप्त हो रही है तो पारण चतुर्दशी तिथि के अंत में करना चाहिए। दूसरी ओर यदि चतुर्दशी तिथि सारे प्रहारों के बाद समाप्त हो रही है तो अगली सुबह सूर्योदय के समय पारण करें। वहीं यदि चतुर्दशी तिथि के बाद अमावस्या लग रहा है तो चतुर्दशी तिथि का अंत होने से पहले पारण कर लेना चाहिए। महाशिवरात्रि का पारण अमावस्या में नहीं करना चाहिए। इसलिए 1 मार्च की रात्रि में चतुर्दशी तिथि का अंत होने से पहले 12 बजकर 17 मिनट पर व्रत का पारण कर लें।

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महाशिवरात्रि व्रत पारण विधि

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार महाशिवरात्रि व्रत का पारण नियमानुसार करना चाहिए। पारण करने के लिए स्नान आदि कर महाशिवरात्रि व्रत की कथा सुनें फिर शिव चालीसा का पाठ करें। इसके बाद भोलेनाथ को पंचामृत का भोग लगाएं और प्रसाद ग्रहण कर पारण कर लें।

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