- 2 मार्च यानी मंगलवार को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी
- 14 मार्च, रविवार को मीन संक्रांति है, सूर्य का प्रवेश मीन राशि में होगा
- 29 मार्च, सोमवार को होली का त्योहार है
मार्च का महीना सनातन हिंदु धर्म के लोगों के लिए बेहद खास है। जी हां इस महीने में विजया एकादशी, प्रदोष व्रत, जानकी जयंती और विनायक चतुर्थी के साथ महाशिवरात्रि और होली जैसे प्रमुख त्योहार पड़ रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं मार्च माह में पड़ने वाले प्रमुख त्योहार और उनकी तिथियों के बारे में।
मार्च 2021 के व्रत-त्योहार और उनकी तिथियां
- 2 मार्च, मंगलवार – संकष्टी चतुर्थी
- 6 मार्च, शनिवार – जानकी जयंती
- 8 मार्च, सोमवार – महर्षि सरस्वती जयंती
- 9 मार्च, मंगलवार – विजया एकादशी
- 10 मार्च, बुधवार – प्रदोष व्रत
- 11 मार्च, बृहस्पतिवार – महाशिवरात्रि
- 13 मार्च, शनिवार – फाल्गुन अमावस्या
- 14 मार्च, रविवार – मीन संक्रांति
- 15 मार्च, सोमवार – फूलेरा दूज
- 17 मार्च, बुधवार – विनायक चतुर्थी
- 21 मार्च से 28 मार्च – होलाष्टक प्रारंभ
- 25 मार्च, बृहस्पतिवार – आमलकी एकादशी
- 26 मार्च, शुक्रवार – प्रदोष व्रत
- 28 मार्च, रविवार – होलिका दहन, फाल्गुन पूर्णिमा
- 29 मार्च, सोमवार – होली
2021 मार्च में आने वाले त्योहार और उनका महत्व
2 मार्च 2021 संकष्टी चतुर्थी तिथि
हिंदु पंचांग के अनुसार हर महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। आपको बता दें पूर्णिमा के बाद मनाई जाने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं और अमावस्या के बाद आने वाली तिथि को विनायक चतुर्थी कहते हैं। संकष्टी चतुर्थी विघ्नहर्ता भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन विधि विधान से भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। मार्च माह में संकषटी चतुर्थी 2 मार्च को है।
6 मार्च को जानकी जयंती
जानकी जयंती को लेकर हिंदु धर्म में विशेष मान्यता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन मां सीता प्रकट हुई थी। जानकी जयंती कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष जानकी जयंती 6 मार्च को है।
8 मार्च को महर्षि दयानंद सरस्वती जयंती
आर्य समाज के संस्थापक और समाज सुधारक महर्षि दयानंद सरस्वती की जयंती 8 मार्च को मनाई जाती है।
9 मार्च को विजया एकदाशी
भगवान विष्णु की उपासना का व्रत विजया एकादशी इस बार 9 मार्च मंगलवार को पड़ रहा है। हिंदु पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु का विधि विधान से पूजा अर्चना करने और व्रत रखने से विशेष फल की प्राप्ति होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
10 मार्च को प्रदोष व्रत
प्रदोष व्रत को सौभाग्य बढ़ाने वाला व्रत माना जाता है। यह हर महीने कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है। मार्च माह में यह पर्व 10 मार्च को मनाया जाएगा।
11 मार्च को महाशिवरात्रि
हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थदशी तिथि को शिवरात्रि मनाई जीती है,लेकिन फालुगुन मास की कृष्ण पक्ष चतुर्थदशी तिथि को आने वाली तिथि को महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। आदि देव महादेव के भक्त साल भर इस दिन की प्रतिक्षा करते हैं। इस साल यह पर्व 11 मार्च बृहस्पतिवार को मनाया जा रहा है।
13 मार्च को फाल्गुन अमावस्या
शास्त्रों में फाल्गुन मास की अमावस्या का विशेष महत्व है। फाल्गुन मास की अमावस्या को किसी पवित्र नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है। मार्च माह में यह पर्व 13 तारीख दिन शनिवार को पड़ रहा है।
14 मार्च को मीन संक्रांति
सूर्यदेव जब मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो उस अवस्था को मीन राशि कहा जाता है। मीन संक्रांति के दिन से मलमाह का आरंभ हो जाता है। मलमास की अवधि में मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। इस दिन भगवान सूर्य देव से अराधना की जाती है। मार्च माह में मीन संक्रांति 14 मार्च को है।
15 मार्च को फूलैरा दूज
मार्च माह में फुलैरा दूज का विशेष महत्व होता है। फुलैरा दूज फाल्गुन माह का सर्वश्रेष्ठ दिन है। इस दिन किसी कार्य को करना शुभ माना जाता है। इस दिन बिना पत्रा और मुहुर्त देखे कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। हिंदु पंचांग के अनुसार फुलैरा दूज 15 मार्च को है।
17 मार्च को विनायक चतुर्थी
विनायक चतुर्थी विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी को समर्पित है। हिंदु पंचांग के अनुसार हर माह के शुक्ल पक्ष की तिथि को विनायक चतुर्थी मनाया जाता है। इस दिन विधि विधान से भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने और व्रत रखने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। मार्च माह में विनायक चतुर्थी 17 मार्च को है।
21 मार्च से होलाष्टक प्रारंभ
फाल्गुन अष्टमी से लेकर होलिका दहन तक की अवधि को होलाष्टक कहा जाता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार होली के आठ दिन पहले से किसी भी शुभ कार्य के करने की मनाही हो जाती है। इस अवधिक को होलाष्टक कहा जाता है। साल 2021 में होलाष्टक 21 मार्च से 28 मार्च तक है।
25 मार्च आमलकी एकादशी
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को अमालकी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इसे रंगभरी एकादशी भी कहा जाता है। इस साल अमालकी एकादशी 25 मार्च को है।
28 मार्च को होलिका दहन
फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को होलिका दहन है। इस दिन गंगा स्नान कर दान औऱ व्रत रखने का खास महत्व है। इस दिन होलिका दहन भी की जाती है, यह रंगो का त्योहार होली से एक दिन पहले मनाई जाती है। इस साल होलिका दहन का पर्व 28 मार्च को है।
29 मार्च को रंगो का त्योहार होली
होली का पर्व भारतवर्ष में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। प्यार भरे रंगो से सजा यह त्योहार भाईचारे का संदेश देता है। हिंदु पंचांग के अनुसार होली का पर्व हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 29 मार्च को मनाया जाएगा।