- हिंदू धर्म में पद्मा एकादशी का विशेष महत्व है
- हिंदू धर्म के अनुसार पद्मा एकादशी के व्रत के दिन भगवान विष्णु के वामन रूप की पूजा की जाती है
- इस दिन विधि विधान से पूजा पाठ व व्रत रखने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है
Padma Ekadashi vrat 2022 Date And Time: हर साल भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष के दिन पद्मा एकादशी का व्रत पड़ता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल पद्मा एकादशी का व्रत 06 सितंबर को पड़ेगा। इसे कई नामों से जाना जाता है। इस एकादशी को परिवर्तन एकादशी, जलझूलनी एकादशी व पद्मा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में पद्मा एकादशी का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। हिंदू धर्म के अनुसार पद्मा एकादशी के व्रत के दिन भगवान विष्णु के वामन रूप की पूजा की जाती है। इस दिन विधि विधान से पूजा पाठ व व्रत रखने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के मुताबिक पद्मा एकादशी का व्रत रखने से वाजपेय यज्ञ के बराबर फल मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन निद्रा अवस्था में भगवान विष्णु करवट बदलते हैं। इसलिए इसका नाम परिवर्तन एकादशी रखा गया है। इस बार पद्मा एकादशी में खास योग बन रहे हैं।
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जानिए, शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 06 सितंबर दिन मंगलवार को सुबह 05 बजकर 54 मिनट पर होगा। पद्मा एकादशी की समाप्ति अगले दिन यानि बुधवार 07 सितंबर 2022 को सुबह 03 बजकर 04 मिनट पर होगी। वहीं व्रत का पारण अगले दिन 7 सितंबर को सुबह 08 .19 - सुबह 08. 33 बजे होगा।
बन रहें हैं चार शुभ योग
ज्योतिषाचार्य के अनुसार पद्मा एकादशी के दिन बेहद शुभ व खास सहयोग बन रहे हैं। इस दिन चार खास योग - आयुष्मान, रवि, त्रिपुष्कर सौभाग्य योग बन रहे हैं। ऐसी मान्यता है कि इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से विशेष कृपा बनी रहती हैं।
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इस व्रत का है विशेष महत्व
हिंदू धर्म में पद्मा एकादशी का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है। पद्मा एकादशी के दिन उपवास रखने व अगले दिन भोजन से भरा घड़ा ब्राह्मण को दान करने से हर मनोकामना पूरी होती है और व्यक्ति सभी पाप कर्मों से मुक्त होता है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)