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Parshuram Jayanti 2022: परशुराम जयंती पर कैसे करें पूजा, जानें पूजन का शुभ मुहूर्त और विधि

Updated May 02, 2022 | 18:30 IST

Parshuram Jayanti Puja Vidhi: वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तृतिया तिथि के दिन को परशुराम जयंती के रूप में देश के अलग-अलग हिस्सों में मनाया जाता है। यह दिन बेहद शुभ मानी जाती है और इस दिन पूजा-पाठ और दान से लेकर खरीदारी तक का पुण्य फल प्राप्त होता है।

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परशुराम जयंती का महत्व
मुख्य बातें
  • भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं भगवान परशुराम
  • अस्त्र शस्त्र में निपुण थे भगवान परशुराम
  • हर साल अक्षय तृतीया के दिन मनाई जाती है परशुराम जयंती

Parshuram Jayanti 2022 Puja Vidhi: हिंदू कैलेंडर में वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तृतिया तिथि बेहद खास और शुभ मानी जाती है। क्योंकि इस दिन अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती मनाई जाती है। शास्त्रों में भी इस दिन को बेहद शुभ बताया गया है। यही कारण है कि इस दिन किसी भी शुभ व मांगलिक कार्यों के लिए मुहूर्त देखने की आवश्यता नहीं पड़ती है। सभी कार्यों के लिए यह दिन उत्तम माना जाता है। इस दिन अक्षय तृतीया मनाई जाती है। अक्षय तृतीया के दिन खासतौर पर सोना खरीदना शुभ होता है और इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। इसी दिन को भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।

इस बार परशुराम जयंती मंगलवार 3 मई को पड़ रही है। पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान परशुराम शिवजी के परम भक्त और न्याय के देवता हैं। भगवान परशुराम का उल्लेख महाभारत, रामायण, भागवत पुराण और कल्कि पुराण जैसे ग्रंथों में भी मिलता है। भगवान परशुराम की पूजा करने से मनवांछित फल मिलता है और संतान सुख की भी प्राप्ति होती है। जानते हैं भगवान परशुराम की पूजा विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त के बारे में।

Parashuram Jayanti 2022 Date: परशुराम जयंती 2022 में कब है, जानें तिथि

परशुराम जयंती की तिथि व शुभ मुहूर्त

तृतीया तिथि प्रांरभ- 03 मई मंगलवार सुबह 05 बजकर 20 मिनट

तृतीया तिथि समाप्त- 04 मई बुधवार सुबह 07 बजकर 30 मिनट पर

हिंदू धर्म में उदयातिथि का विशेष महत्व होता है। इसलिए 03 मई को अक्षय तृतीया के दिन परशुराम जयंती मनाई जाएगी।

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परशुराम जयंती की पूजा-विधि

इस दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें। इसके बाद पूजा में सबसे पहले धूप दीप जलाकर हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प लें और पूजा शुरू करें। सबसे पहले आप भगवान विष्णु और परशुराम को चंदन का तिलक लगाएं, फिर कुमकुम, तुलसी का पत्ता, फूल और फल चढ़ाएं। फिर अगरबत्ती जलाएं। भगवान को कुछ मीठे का भोग लगाएं। फिर आरती करें और हाथ जोड़कर भगवान से आशीर्वाद लें।इस दिन दान-दक्षिणा जरूर करें और भूखों को खाना खिलाएं। इससे पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस बात का भी ध्यान रखें कि परशुराम जयंती के दिन पूजा के बाद पूरे दिन उपवास रहें आप इस दिन केवल दूध पी सकते हैं।

(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है।)

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