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Pradosh Vrat Pujan Vidhi : 12 दिसंबर को कैसे करें प्रदोष व्रत-पूजन विधि, जानिए शुभ मुहूर्त और मंत्र

Updated Dec 12, 2020 | 06:36 IST

Pradosh Vrat Puja Vidhi: हर महीने की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत का विधान होता है। प्रदोष व्रत 12 दिसंबर दिन शनिवार को रखा जाएगा। इस दिन के व्रत से मनुष्य को समस्त सुखों की प्राप्ति होती है।

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Pradosh Vrat Puja Vidhi, प्रदोष व्रत पूजन विधि
मुख्य बातें
  • प्रदोष व्रत में शिव मंदिर में जा कर शिवलिंग की पूजा करें
  • शाम की आरती के बाद शिवजी का कोई एक मंत्र जाप करें
  • प्रदोष व्रत पति-पत्नी को साथ में करना चाहिए

हर महीने दो बार प्रदोष व्रत आता है और इन दोनों ही व्रतों को जो मनुष्य हर मास करता है उसे जीवन की समस्त कठिनाईयों से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने वालों की रक्षा स्वयं भगवान शिव करते हैं।

जिन लोगों को विवाह, संतान या किसी भी तरह के सांसारिक सुखों को पाने में दिक्कत आती हैं, उन्हें प्रदोष व्रत जरूर करना चाहिए। सच्ची श्रद्धा से प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।

प्रदोष व्रत रखने से सभी तरह के रोग-दोष भी दूर होते हैं। इसलिए प्रदोष व्रत हर किसी को करना चाहिए। तो चालिए आपको प्रदोष व्रत की सही विधि के बारे में बताएं।

प्रदोष व्रत पूजन विधि 

प्रदोष व्रत के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान कर लेना चाहिए और इसके बाद भगवान सूर्य के जल देकर पूजा स्थल को गंगा जल छिड़कर शुद्ध कर लें। इसके बाद एक चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाकर उसके चारों ओर कलावा बांध दें। फिर इस चौकी पर भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें।

सर्वप्रथम शिव जी के चरणों गंगाजल से धो लें और उसके बाद सफेद पुष्प अर्पित करें। इसके बाद सफेद गोपी चन्दन शिव जी के मस्तक पर लगाएं और उसी चंदन से खुद को भी टीका कर लें। इसके बाद शिवजी की पूजा और आरती कर लें। खीर का भोग भी लगा दें।

इसके बाद शिव मंदिर जाएं, क्योंकि प्रदोष व्रत में शिवलिंग पूजा ही होती है और ये पूजा मंदिर में ही करनी चाहिए। यहां शिवजी को बेलपत्र, धतूरा, कनेल का फूल, भांग और अक्षत आदि चढ़ा कर उनका अभिषेक करें।

धूप, दीप और अगरबत्ती जला कर वहीं बैठ कर भगवान शिव की स्तुति, शिव चालीसा, शिव तांडव स्तोत्र और शिव मंत्रों का जाप करें। इसके बाद शिवजी को प्रणाम कर आरती करें और अंत में भगवान शिव से पूजा में हुई गलतियों की क्षमा मांगे।

प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त

सुबह की पूजा का शुभ मुहूर्त – 12 दिसंबर, शनिवार – सुबह 5 बजकर 43 मिनट से सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक।

संध्या पूजा का शुभ मुहूर्त – 12 दिसंबर, शनिवार – शाम 8 बजकर 10 मिनट से 9 बजकर 36 मिनट तक।

भगवान शिव के इन मंत्र का जाप शाम को करें

शाम के समय शिवजी की आरती करने के बाद एक माला कम से कम एक मंत्र का जाप जरूर करें।

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

ॐ नमः शिवाय।

ॐ आशुतोषाय नमः।।

प्रदोष व्रत महिला और पुरुष कोई भी कर सकता है, लेकिन दांपत्य सुख या संतान प्राप्ति के लिए दंपति को साथ में व्रत पूजन करना चाहिए।

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