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Raksha Bandhan 2022: रक्षाबंधन पर भाई-बहन लें ये संकल्प, मजबूत होगा रिश्ता, बढ़ेगा प्यार

Updated Jul 31, 2022 | 10:56 IST

Raksha Bandhan: रक्षाबधन का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। इस पर्व का भाई और बहन को बेसब्री से इंतजार रहता है। रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधती है। लेकिन रक्षाबंधन पर भाई-बहन को कुछ बातों का संकल्प भी लेना चाहिए, जिससे उनके खूबसूरत रिश्ते की डोर और मजबूत हो सके।

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रक्षाबंधन 2022
मुख्य बातें
  • 11 अगस्त को मनाया जाएगा रक्षाबंधन का त्योहार
  • भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है रक्षाबंधन
  • राखी बांधने और बंधवाने के साथ भाई-बहन को लेना चाहिए ये संकल्प

Raksha Bandhan Festival 2022: भाई- बहन का रिश्ता अनमोल होता है। जिसमें कभी थोड़ी तकरार होती है तो दूसरे पल प्यार की बरसात भी होती है। यही कारण है कि भाई-बहन का रिश्ता दुनिया का सबसे खूबसूरत और पवित्र रिश्ता माना जात है। इसी खूबसूरत और पवित्र रिश्ते का प्रतीक होता है रक्षाबंधन का त्योहार। इस बार रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा।

रक्षाबंधन के दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और भाई बहन की जीवनभर रक्षा करने का संकल्प लेता है। भाई-बहन के रिश्ते को गूढ़ व प्यारा बनाने और इस रिश्ते में मिठास लाने के लिए रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने और बंधवाने के साथ भाई-बहन को कुछ ऐसे काम भी करने चाहिए जिससे उनका रिश्ता और मजबूत बन सके। इसलिए रक्षाबंधन दिन भाई-बहन को कुछ बातों का संकल्प लेना चाहिए।

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साथ निभाने का ले संकल्प

भाई-बहन का रिश्ता सभी रिश्तों से बेहद खूबूरत होता है। भाई-बहन कभी एक दूसरे के दोस्त बन जाते हैं तो कभी अभिभावक। जिस तरह इंसान अपने सुख-दुख की बातें दोस्तों से शेयर करता है। ठीक उसी तरह भाई अपनी बहन से या बहन अपने भाई से मन की बातें शेयर करते हैं। ऐसे में रक्षाबंधन के दिन जब बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है तो भाई को उसकी रक्षा करने का संकल्प तो लेना ही चाहिए। साथ ही बहन को भी यह संकल्प लेना चाहिए कि वह हर मुश्किल परिस्थिति में अपने भाई का साथ निभाएगी। इससे भाई-बहन के बीच का रिश्ता और मजबूत होता है।

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भाई बहन दोनों रखें उपवास

रक्षाबंधन के दिन बहनें उपवास रखती हैं। जब तक वह अपने भाईयों की कलाई पर राखी नहीं बाध लेती तब तक अन्न-जल ग्रहण नहीं करती। ऐसे में भाई का भी यह कर्तव्य है कि वह बहन के प्यार का सम्मान करें और खुद भी तब तक उपवास रखे जब तक कि बहन उसकी कलाई पर राखी ना बांध दे।


बने सुख-दुख के साथी

हर बहन चाहती है कि उसका भाई उसके लिए हर मुश्किल परिस्थिती में सुरक्षा कवच की तरह खड़ा रहे और उसकी बातों को समझे। खुशी के पल में दोनों खिलखिला कर हंसे और दुख की घड़ी में एक दूसरे का साथी बने। इसलिए इस रक्षाबंधन सभी भाई-बहन को ये संकल्प लेना चाहिए कि वे सुख-दुख की घड़ी में एक दूसरे का साथ निभाएंगे।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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