- भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रुद्राक्ष से मंत्रों का जाप किया जाता है
- भगवान शिव के मंत्र का जाप करने में रुद्राक्ष की माला का विशेष महत्व होता है
- शिव भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रुद्राक्ष धारण करते हैं
Rule For Rudraksha: हिंदू धर्म में रुद्राक्ष का काफी महत्व है। माना जाता है कि रुद्राक्ष भगवान शिव को काफी प्रिय हैं। इसी वजह से जो व्यक्ति रुद्राक्ष धारण करता है। भगवान शिव की उस पर विशेष कृपा बनती हैं। रुद्राक्ष का अर्थ है भगवान शिव के आंसू। यही कारण है कि रुद्राक्ष को चमत्कारी माना गया है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रुद्राक्ष से मंत्रों का जाप किया जाता है। भगवान शिव के मंत्र का जाप करने में रुद्राक्ष की माला का विशेष महत्व होता है। यह बेहद पवित्र और शुभ माना गया है।
शिव भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रुद्राक्ष धारण करते हैं। रुद्राक्ष एक मुखी से लेकर 21 मुखी तक होते हैं। इन सब का अपना अलग-अलग महत्व है। रुद्राक्ष को घर में लाने व धारण करने के कई नियम है। कुछ मौकों पर रुद्राक्ष को भूलकर भी धारण नहीं करना चाहिए। इसका परिणाम अशुभ होता है। आइए जानते हैं किस समय रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए।
सोते समय न पहने रुद्राक्ष
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर आप रुद्राक्ष धारण करते हैं तो सोते समय रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए। रुद्राक्ष को सोते समय धारण नहीं करना चाहिए। सोने से पहले रुद्राक्ष की माला को गले से उतार कर अपने सिरहाने पर रख दें। सिरहाने के नीचे रुद्राक्ष को रखने से मन शांत होता है व खराब सपने नहीं आते हैं।
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सूतक में न पहने रुद्राक्ष
इसके अलावा बच्चे के जन्म पर भी व किसी की मृत्यु पर रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए। उस समय रुद्राक्ष उतार देना चाहिए, क्योंकि ऐसे समय पर सूतक लग जाता है। उस समय व्यक्ति अपवित्र रहता है। इस समय रुद्राक्ष पहनना अशुभ माना जाता है।
मांस मदिरा का सेवन करने वाले न धारण करें रुद्राक्ष
वहीं अगर व्यक्ति मांस व मदिरा का सेवन करता है तो ऐसे व्यक्ति को रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए। रुद्राक्ष काफी पवित्र माना गया है। ऐसे में मांस मदिरा का सेवन करने वाले रुद्राक्ष धारण करके रुद्राक्ष को अपवित्र न करें वरना विपरीत परिणाम की प्राप्ति होती है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)