- कई बार पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी बातों में तकरार होना शुरू हो जाता है और यह तकरार एक बड़ी समस्या पैदा कर देते हैं
- छोटी मोटी नोकझोंक तो हर पति पत्नी के बीच में होती है,लेकिन कई बार वास्तु दोष भी इसका कारण होता है
- ऐसे में वास्तु से जुड़ी हर बातों का विशेष ध्यान देना चाहिए
Vastu Dosh In Marriage Life: शादी एक ऐसा बंधन होता है जो कभी न टूटने वाला होता है। हर व्यक्ति अपने वैवाहिक जीवन सुखमय बनाना चाहता है, क्योंकि अगर वैवाहिक जीवन अच्छा रहेगा तो व्यक्ति हर तरह की समस्याओं से लड़ने की हिम्मत रख सकेगा। जीवन को मजबूत बनाने के लिए पति पत्नी दोनों का ही योगदान बेहद जरूरी होता है। कई बार पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी बातों में तकरार होना शुरू हो जाता है और यह तकरार एक बड़ी समस्या पैदा कर देता है। छोटी मोटी नोकझोंक तो हर पति पत्नी के बीच में होती है, लेकिन जब हर बात में नोकझोंक और तकरार होने लगे तो कई बार वास्तु दोष भी इसके पीछे कारण होता है। ऐसे में वास्तु से जुड़ी हर बातों का विशेष ध्यान देना चाहिए। तो आइए जानते हैं वास्तु के अनुसार वैवाहिक जीवन सुधारने के लिए किन बातों का ध्यान देना बेहद जरूरी होता है।
इस दिशा में होना चाहिए बेडरूम
वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियों को दूर भगाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है बेडरूम का ध्यान देना। बेडरूम की दिशा हमेशा वास्तु के अनुसार ही होनी चाहिए। वास्तु के अनुसार घर का मुख्य बेडरूम घर के दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा की तरफ होना चाहिए। यदि घर में एक मकान की ऊपरी मंजिल है तो बेडरूम को ऊपर वाली मंजिल के दक्षिण-पश्चिम कोने में होना चाहिए।
बेडरूम में इन चीजों को न करें शामिल
इस बात का ध्यान दें कि बेडरूम में बेड के सामने कभी भी आइना न रखें। बेड के सामने आइना होने से वास्तु दोष होता है। इसके अलावा डबल बेड के गद्दे दो भागों में नहीं होने चाहिए। बेडरूम में किसी भी तरह के धार्मिक फोटो या मूर्ति भी नहीं होनी चाहिए। कमरे में लाल रंग के बल्ब लगाने से बचें।
इन चीजों को बेडरूम में जरूर रखें
पति पत्नी के रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए दंपत्ति को घर के दक्षिण-पश्चिम दिशा में शयन करना चाहिए। पति-पत्नी अपने शयन कक्ष में गुलाबी, हल्के हरे, सफेद, पीले और नीले रंगों का चुनाव करें। इससे सकारात्मक वातावरण बना रहता है। बेडरूम में लकड़ी के बेड का प्रयोग करें। इसके लिए शादीशुदा लोगों को अपने बेडरूम में ऐसी मूर्तियां रखनी चाहिए जो जोड़ों में हो। जैसे कबूतरों का जोड़ा, खरगोशों का जोड़ा आदि।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)