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Sarva Pitru Amavasya 2021 Date: पितरों की तिथि याद नहीं होने पर सर्वपितृ अमावस्या को करें पितरों का श्राद्ध

Updated Sep 27, 2021 | 11:20 IST

Sarva Pitru Amavasya 2021 Date, Shradh Vidhi:इस बार सर्वपितृ अमावस्या 6 अक्टूबर 2021 दिन बुधवार को पड़ रहा है। तिथि याद नहीं होने पर पितरों के इस दिन श्राद्ध का विधान है।

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Sarva Pitru Amavasya 2021 Date:
मुख्य बातें
  • सर्वपितृ अमावस्या को मोक्षदायिनी अमावस्या भी कहा जाता है।
  • इस दिन पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने से पितर प्रसन्न होते हैं।
  • 6 अक्टूबर 2021, मंगलवार को है सर्वपितृ अमावस्या

 Sarva Pitru Amavasya 2021 Date, Shradh Vidhi: सनातन हिंदू धर्म में पितृपक्ष यानी श्राद्ध पक्ष का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं और शास्त्रों के मुताबिक यमराज भी इन दिनों पितरों की आत्मा को मुक्त कर देते हैं। ताकि 16 दिनों तक वह अपने परिजनों के बीच रहकर अन्न और जल ग्रहण कर तृप्त हो सकें। पितृपक्ष का समापन आश्विन मास की अमावस्या तिथि को होता है जो 6 अक्टूबर को है। इस तिथि को अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या या मोक्षदायिनी अमावस्या भी कहा जाता है। 

इस बार सर्वपितृ अमावस्या 6 अक्टूबर यानी बुधवार के दिन पड़ रहा है। इस दिन ज्ञात, अज्ञात सभी पितरों के श्राद्ध का विधान है, जिन लोगों को अपने परिजनों की मृत्यु की तिथि याद नहीं होती है तो वो भी इस दिन अपने पितरों का तर्पण और श्राद्ध कर सकते हैं। इस दिन तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करने से पितर प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं। 

सर्वपितृ अमावस्या तिथि कब है ?

हिंदू पंचांग के अनुसार सर्वपितृ अमावस्या तिथि आश्विन मास की अमावस्या तिथि को होता है। इस बार सर्वपितृ अमावस्या 6 अक्टूबर 2021 दिन बुधवार को है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पितृपक्ष का समापन यानी पखवाड़े का अंतिम दिन होता है। आइए जानते हैं इस दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने का मुहूर्त।

सर्वपितृ अमावस्या मुहूर्त

सर्वपितृ अमावस्या तिथि आरंभ – 5 अक्टूबर 2021, मंगलवार 07:04 PM से

अमावस्या तिथि आरंभ – 6 अक्टूबर 2021, बुधवार 04:35 PM तक

सर्वपितृ अमावस्या का महत्व

सर्वपितृ (अर्थात सभी पितरों को) अमावस्या के दिन सभी पितरों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। इस दिन ज्ञात, अज्ञात सभी पितरों के श्राद्ध का विधान है यानि जिन लोगों को अपने परिजनों की मृत्यु की तिथि याद ना हो वो भी इस दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण कर पित्तरों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पितरों का तर्पण करने से मानसिक शांति होती है और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। पूर्वजों और पितरों के आशीर्वाद से जीवन में सभी कष्टों का निवारण होता है। इसलिए सर्वपितृ तिथि का श्राद्ध पक्ष में विशेष महत्व है। 

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