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Sawan 2020 Green Bangles: सावन में जरूर पहने हरी चूड़ियां, जानें क्या है महत्व

Updated Jul 06, 2020 | 07:05 IST

Sawan 2020 Women Green Bangles Facts: सावन महीने में सुहागिन महिलाएं हरे रंग के कपड़े, गहने जैसे चूड़ियां आदि क्यों पहनती हैं। आखिर क्या है हरी चूड़ियों का महत्व और क्यों है ये इतनी खास..

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sawan 2020 why women wear green bangles
मुख्य बातें
  • हिंदू धर्म में सावन के पवित्र महीने का बहुत ही विशेष महत्व है।
  • सावन शुरू होते ही चारों तरफ सबकुछ विशेषकर हरा भरा दिखायी देता है।
  • इस महीने में सुहागिन महिलाएं भी हरे रंग के कपड़े, गहने जैसे चूड़ियां आदि पहनती हैं।

सावन का महीना 6 जुलाई से शुरू हो चुका है। शिव मंदिरों में भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए भक्तजनों की भारी भीड़ उमड़नी शुरू हो गई है। 
हिंदू धर्म में सावन के पवित्र महीने का बहुत ही विशेष महत्व है। सावन शुरू होते ही चारों तरफ सबकुछ विशेषकर हरा भरा दिखायी देता है। इतना ही नहीं इस महीने में सुहागिन महिलाएं भी हरे रंग के कपड़े, गहने जैसे चूड़ियां आदि पहनती हैं। इसी हरे रंग के साथ तैयार होकर सुहागिन महिलाएं सज संवरकर शिव मंदिर पूजा-पाठ के लिए जाती हैं। साथ ही सावन शुरू होते ही बाजारों में दुकानें भी हरी चूड़ियों से सज जाती हैं। आखिर क्या है हरी चूड़ियों का महत्व और क्यों है ये इतनी खास। आइये जानें सावन में सुहागिन महिलाएं क्यों पहनती हैं हरे रंग की चूड़ियां...


हरी चूड़ियों का सावन में महत्व
सावन के महीने में सबसे अधिक बारिश होती है जिसके कारण चारों ओर हरियाली नजर आती है। हरा रंग उल्लास का प्रतीक होता है जो मन को आनंदित रखता है। ऐसी मान्यता है कि सावन मास में भगवान शिव को चढ़ाए जाने वाले बेल और धतूरे का रंग हरा होता है। प्रकृति का निर्माण करने वाले भगवान शिव हरे रंग से प्रसन्न होते हैं। यही कारण है कि सुहागिन महिलाएं सावन में हरी चूड़ियां पहनती हैं। साथ ही हरी चूड़ियों को सुहाग का प्रतीक भी माना जाता है। हरी चूड़ियां पहनकर महिलाएं भोलेनाथ की विधि विधान से पूजा करती हैं और उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करती हैं।

पति की लंबी आयु से जुड़ी होती हैं हरी चूड़ियां  
सावन के महीने में हरी चूड़ियां और हरे वस्त्र पहनने से महिलाओं को शिव जी का आशीर्वाद मिलता है। इतना ही नहीं महिलाओं के पति की आयु भी इससे लंबी होती है। सावन का महीना भगवान शिव के भक्तों के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इनमें लगभग सभी लोग पूरे महीने अन्यथा कम से कम प्रत्येक सोमवार को उपवास और पूजा अर्चना जरूर करते हैं। जुलाई-अगस्त का महीना हिंदू कैलेंडर में सबसे शुभ माना जाता है और इसका आध्यात्मिक दृष्टि से भी इसका विशेष महत्व है। इसीलिए किसी भी पूजा या अन्य धार्मिक आयोजन करने के लिए यह माह बहुत ही शुभ माना जाता है। इस महीने के सभी दिनों को किसी भी नए काम की शुरुआत के लिए बहुत समृद्ध माना जाता है। 

सावन महीने में क्या खाएं क्या ना खाएं
सावन में चारों तरफ हरियाली जरूर होती है लेकिन इस महीने में हरी सब्जियां खाने से परहेज करना चाहिए। माना जाता है कि सावन में हरी सब्जियां खाने से शरीर में वात बढ़ता है। इस माह में मांस नहीं खाना चाहिए। इसके अलावा लहसुन प्याज से भी परहेज करना चाहिए। इन्हें तामसिक प्रवृति का भोजन माना जाता है। अगर संभव हो तो कच्चा दूध नहीं पीना चाहिए और कढ़ी भी नहीं खाना चाहिए।

इस बार सावन में पड़ रहे हैं इतने सोमवार
सावन मास 6 जुलाई से प्रारंभ हो चुका है। सावन का पहला सोमवार 6 जुलाई को है। इस वर्ष सावन माह में 5 सोमवार पड़ रहे हैं। सावन का दूसरा सोमवार 13 जुलाई को, तीसरा 20 अगस्त को,  चौथा 27 को एवं सावन का अंतिम सोमवार 3 अगस्त को है। 3 अगस्त को ही सावन माह की समाप्ति हो रही है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसबार सावन महीने की शुरुआत और दोनों ही सोमवार को ही हो रही है। 

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