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Sawan Shivratri 2021: सावन शिवरात्रि पर शिव-पार्वती की आरती से करें पूजा समापन, देखें हिंदी लिरिक्स

Updated Aug 06, 2021 | 11:32 IST

Shiv-Parvati Aarti Hindi Lyrics: वर्ष 2021 के सावन मास की मासिक शिवरात्रि 06 अगस्त यानि आज मनाई जा रही है। शिव-पार्वती पूजा के लिए हिंदी में आरती लिरिक्स यहां देखिए।

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शिव-पार्वती आरती लिरिक्स हिंदी में (Pic: Istock)
मुख्य बातें
  • सावन मास की मासिक शिवरात्रि तिथि सनातन धर्म में बेहद महत्वपूर्ण मानी गई है, इस वर्ष यह शिवरात्रि 06 अगस्त शुक्रवार तिथि पर पड़ रही है।
  • सावन शिवरात्रि तिथि शिव भक्ति एवं आराधना के लिए बेहद अनुकूल मानी गई है, इस दिन शिव उपासना से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
  • हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, देव पूजा हमेशा आरती से समाप्त होती है, सावन शिवरात्रि पर शिव-पार्वती पूजा के लिए हिंदी में आरती लिरिक्स यहां जानें।

Shiv-Parvati Aarti Hindi Lyrics: हिंदू पंचांग के अनुसार, आज यानि 06 अगस्त शुक्रवार के दिन सावन मास की मासिक शिवरात्रि मनाई जा रही है। सावन मास में पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि को सावन शिवरात्रि या श्रावण शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इस दिन शिव-पार्वती की विशेष उपासना से भक्तों को शुभ फल की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जो भक्त सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव तथा माता पार्वती की पूजा करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके साथ भगवान शिव तथा माता पार्वती अपने भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी करते हैं। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, देव तथा देवी पूजा को हमेशा आरती के साथ समाप्त करना चाहिए। 

सावन शिवरात्रि पर शिव-पार्वती की पूजा के लिए यहां जानें आरती की हिंदी लिरिक्स। 


Shiv ji ki aarti lyrics hindi mein, भगवान शिव की आरती

ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूलधारी।
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
मधु-कैटभ दो‌उ मारे, सुर भयहीन करे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा।
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा।
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला।
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

त्रिगुणस्वामी जी की आरती जो कोइ नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, मनवान्छित फल पावे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

Mata parvati aarti hindi lyrics माता पार्वती की आरती 


जय पार्वती माता जय पार्वती माता
 
ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल कदा दाता।
 
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
 
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता

जग जीवन जगदंबा हरिहर गुण गाता।
 
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
 
सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा
 
देव वधु जहं गावत नृत्य कर ताथा।
 
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
 
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता
 
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।
 
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
 
शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता
 
सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाथा।
 
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
 
सृष्ट‍ि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता
 
नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता।
 
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
 
देवन अरज करत हम चित को लाता
 
गावत दे दे ताली मन में रंगराता।
 
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
 
श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता
 
सदा सुखी रहता सुख संपति पाता।
 
जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता।

 


हिंदू मान्यताओं के अनुसार, पूजा के अंत में आरती करने से पूजा का लाभ पूरा मिलता है। इसके साथ देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। 

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