लाइव टीवी

Shanidev Upay: इन उपायों से शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से मिलेगी मुक्ति, इस तरह अशुभ प्रभाव होंगे कम

Updated Jul 09, 2022 | 11:17 IST

Shani Sade sati upay: शनिदेव अपने भक्तों को न्याय के अनुसार ही फल देते हैं। इसलिए उन्हें न्याय का देवता कहा जाता है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या होने पर व्यक्ति का जीवन परेशानियों से भर जाता है। लेकिन ज्योतिष में कुछ ऐसे उपायों के बारे में बताया गया है, जिसे करने से शनि के प्रकोप से बचा जा सकता है।

Loading ...
शनि साढ़ेसाती और ढैय्या के उपाय
मुख्य बातें
  • शनिदेन के प्रकोप से बचने के लिए बीज मंत्र है उपयोगी
  • शनि की ढैय्या ढाई साल और साढ़े साती सात साल की होती है
  • भक्तों को अच्छे औरर बुरे कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं न्याय के देवता शनिदेव

Shani Sade Sati and Dhaiya Upay: हिंदू धर्म में भगवान शनि को न्याय का देवता कहा गया है। शनिदेव न्याय चक्र निरंतर चलता रहता है। कहा जाता है कि कर्म ही इंसान को अच्छा और बुरा बनाता है। शनिदेव भी अपने भक्तों को पाप और पुण्य के आधार पर ही फल देते हैं। कर्मों के आधार पर किए गए कार्यों में ही शनिदेव ढैय्या और साढ़ेसाती के माध्यम से अपना न्याय चक्र चलाते हैं। ज्योतिष के अनुसार शनि की ढैय्या ढाई साल और साढ़ेसाती सात साल तक चलने वाली ग्रह दशा है। लेकिन ज्योतिष में कुछ उपायों के बारे में बताया गया है, जिस करने से शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती का अशुभ प्रकोप शुभ फल में बदल जाता है। जानते हैं इन उपायों के बारे में।

आखिर क्या है ढैय्या और साढ़ेसाती?

ढैय्या और साढ़ेसाती भगवान शनिदेव के न्याय चक्र का एक विधान है। ज्योतिष के अनुसार शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती ढाई साल और साढ़ेसात साल तक चलने वाली ग्रह दशा है। शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि शनि प्रत्येक राशियों में घूमते हैं और अपना प्रभाव दिखाते हैं। शनि किसी राशि के चौथे भाव में या आठवें भाव में आता है तो उसे ढैय्या कहा जाता है और उस के प्रकोप को ढैय्या का प्रकोप कहा जाता है।

Also Read: Bhadli Navami 2022: क्या है भड़ली नवमी का महत्व, इस मंत्र का 108 बार करें जाप, होगी सारी मनोकामना पूरी

ढैय्या और साढ़ेसाती के अशुभ फल से कैसे बचें?

भगवान सूर्य के पुत्र शनि देव को काले वस्त्रों, काले तिल और सरसों का तेल बहुत प्रिय है। ऐसी मान्यता है कि पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल में दीया जलाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से ढैय्या और साढ़ेसाती का अशुभ प्रकोप कम होता है। ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार शनिवार के दिन काला तिल, काला वस्त्र और सरसों का तेल दान करने से भी शनि के अशुभ प्रकोप खत्म होते हैं।

गाय को खिलाएं गुड़

शनिवार के दिन गाय को गुड़ खिलाने से शनि के अशुभ प्रकोप कम होते हैं। इसके अलावा शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी शनि की ढैया और साढ़ेसाती के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है।

Also Read: Bad Habits In Vastu: घर के मेन गेट पर बैठने सहित ये आदतें बन सकती है तंगी का कारण, हो जाएं सावधान

इन मंत्रों का करें जाप 

शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती के अशुभ प्रकोप को कम करने के लिए शनि के बीज मंत्र " ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः " या "ॐ शं शनिश्चरायै नमः" का जाप  करना चाहिए। इससे भी शनि के ढैय्या और साढ़ेसाती का अशुभ फल कम होता है और शनिदेव के अशुभ प्रकोप से बचा जा सकता है।

(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है।)

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल