लाइव टीवी

Pradosh Vrat 2021: आज शनि प्रदोष पर बन रहे हैं खास संयोग, पूजा करते समय कर लें ये उपाय दूर होंगे सारे कष्‍ट

Updated Sep 04, 2021 | 06:50 IST

Pradosh Vrat 2021: प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है। इस बार इसके शनिवार को पड़ने के कारण इसे शनि प्रदोष के नाम से भी जाना जाता है। ये दिन भगवान शिव एवं शनि देव को समर्पित होता है।

Loading ...
shani pradosh 2021 (pic: Istock)
मुख्य बातें
  • प्रदोष व्रत के दिन व्रत का संकल्‍प लेकर करें पूजा
  • शनि प्रदोष पर बन रहें हैं शुभ संयोग
  • इस दिन शनि दान से भी मिलता है लाभ

Shani Pradosh Vrat 2021: प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है। इस बार ये 04 सितंबर यानि आज है। शनिवार के दिन इसके पड़ने के कारण इसे शनि प्रदोष के नाम से भी जाना जाता है। इस बार व्रत के दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं। ज्‍योतिषाचार्यों के मुताबिक इस बार शनि प्रदोष  पुष्य नक्षत्र में रहेगा। इसे बेहद शुभ माना जाता  है। शुभ कार्य करने के लिए इस नक्षत्र को फलदायी माना गया है। इसके अलावा आज के दिन चंद्रमा कर्क राशि में रहेगा,  ये भी एक शुभ योग है। ऐसे में आज के दिन कुछ खास उपाय करने से शिव पार्वती समेत शनि देव की कृपा प्राप्‍त हो सकती है। 

शनि प्रदोष का शुभ मुहूर्त 

प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है।  इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से वे प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं।  चूंकि ये शनिवार के दिन है इसलिए शनि प्रदोष पर शनि देव के उपाय करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है। प्रदोष व्रत भगवान शिव के साथ चंद्रदेव से भी जुड़ा है। मान्यता है कि प्रदोष का व्रत सबसे पहले चंद्रदेव ने ही किया था। इस बार त्रियोदशी तिथि का आरंभ 4 सितंबर, 2021, शनिवार, सुबह 8:24 बजे
से होगा, जबकि इसका समापन 5 सितंबर को सुबह 8:21 बजे होगा। प्रदोष काल पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 23 मिनट से रात के 08 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। 

प्रदोष व्रत पूजा विधि

प्रदोष व्रत रखने वालों को सूर्योदय से पहले स्नान करके साफ वस्त्र धारण कर करने चाहिए और हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प करना चाहिए। प्रदोष व्रत के दिन किसी  शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर बेलपत्र, अक्षत अर्पण करने से भोलेनाथ प्रसन्‍न होते हैं। इस दौरान ओम नमः शिवाय का 108 बार जाप फलदायी होता है। इससे भक्‍त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। 

प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करने के बाद गंगाजल मिले हुए शुद्ध जल से भगवान का अभिषेक करें। साथ ही शिवलिंग पर शमी, बेल पत्र, कनेर, धतूरा, चावल, फूल, धूप, दीप, फल, पान, सुपारी आदि अर्पित करें। इसके बाद देसी का दीपक जलाएं और शिव चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से सारी बाधाएं दूर होंगी। शनि प्रदोष के दिन काली उड़द की दाल, काला कपड़ा एवं सरसों का तेल दान करना भी अच्‍छा माना जाता है। इससे कुंडली में मौजूद शनि ग्रह का अशुभ फल कम होता है। इसके अलावा अगर किसी पर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है, तो उसमें भी राहत मिलती है। 

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल