पुरी : ओडिशा में 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर का कोषागार यानी रत्नभंडार 34 साल के अंतराल के बाद आज बुधवार को निरीक्षण के लिए खोला जाना है। 10 सदस्यीय एक समिति रत्न भंडार के तल, छत और दीवार की भौतिक स्थिति का निरीक्षण करेगी। हालांकि उन्हें रत्न भंडार में रखे आभूषणों को छूने की अनुमति नहीं होगी, बल्कि वे केवल ढांचागत स्थिरता और सुरक्षा के बारे में जानने के लिए रत्न भंडार का निरीक्षण करेंगे। इस 10 सदस्यीय टीम में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के दो विशेषज्ञ भी शामिल हैं। श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक पीके जेना ने बताया कि रत्न भंडार को दोपहर बाद खोला जाना है।
श्रीजगन्नाथ मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें :
- श्रीजगन्नाथ मंदिर ओडिशा के पुरी में। यह हिन्दुओं के चार धामों में से एक है। तीन अन्य धाम बद्रीनाथ, द्वारका और रामेश्वरम हैं।
- श्रीजगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार में देवों के कीमती आभूषण रखे हैं। पिछली बार 1984 में इसे खोला गया था। तब इसके सात में से केवल तीन कक्ष खोले गए थे।
- श्रीजगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार इससे पहले 1978, 1926 और 1905 में भी खुला था।
ऐसे होगा रत्नभंडार का निरीक्षण :
- 10 सदस्यीय टीम करेगी निरीक्षण। निरीक्षण टीम में पुरी के राजा गजपति महाराज दिव्यसिंह देव या उनके प्रतिनिधि तथा पत्तजोशी महापात्र भी शामिल होंगे।
- मंदिर के अधिकारियों को कोषागार की चाबी उसी दिन पुरी स्थित सरकारी कोषागार से मिलेगी।
- निरीक्षण के दौरान मंदिर परिसर में कोई श्रद्धालु नहीं होगा।
- श्रीजगन्नाथ मंदिर के रत्नभंडार में प्रवेश करने के समय निरीक्षण टीम के सदस्यों को केवल गमछा पहनन होगा।
- कोषागार में प्रवेश से पहले टीम के सभी सदस्यों की जांच की जाएगी। इसके लिए उन्हें त्रिस्तरीय जांच से गुजरना होगा। उनकी जांच पुलिस अधिकारियों की टीम करेगी।
- निरीक्षण टीम को किसी भी धातु या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को भीतर ले जाने की अनुमति नहीं होगी।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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