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Chanakya Niti For Youth: युवाओं की सबसे बड़ी दुश्मन हैं ये आदतें, अपनाएंगे तो जीवन हो जाएगा बर्बाद

Updated Jun 13, 2022 | 08:24 IST

Chanakya Niti in Hindi: युवा अवस्‍था को जीवन का महत्‍वपूर्ण पड़ाव बताते हुए आचार्य चाणक्य ने कहा है कि यह जीवन का वो पड़ाव होता है जब किसी भी व्‍यक्ति को सबसे ज्‍यादा सजग होना चाहिए। आचार्य के अनुसार व्यक्ति को युवावस्था के महत्व को समझना चाहिए और अपने लक्ष्य के प्रति गंभीर होना चाहिए। अगर आप अपनी युवावस्था के महत्व को नहीं समझे, तो जीवन में पछतावे के अलावा कुछ शेष नहीं बचता।

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युवाओं के लिए चाणक्‍य की ये नीतिया है बेहद उपयोगी
मुख्य बातें
  • सफलता प्राप्‍त करने के रास्‍ते में सबसे बड़ी बाधा है आलस
  • नशे की लत युवाओं के लिए है सबसे बड़ा अभिशाप
  • गलत संगत युवाओं को कर देती है पूरी तरह बर्बाद

Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्‍य ने अपनी नीतिशास्‍त्र में महिला, पुरुष, युवा, छात्र, परिवार, शत्रु, मित्र सभी के कुछ न कुछ जरूर बताया है। नीतिशास्‍त्र में युवाओं को सजग करने के भी कई उपाय हैं। आचार्य चाणक्‍य का मानना था कि, युवावस्था जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव होता है। इस पड़ाव में युवा के पास ताकत, सामर्थ्य, हिम्मत और जुनून सब कुछ होता है। इसलिए व्यक्ति को युवावस्था के महत्व को समझ कर अपने लक्ष्य के प्रति गंभीर होना चाहिए। आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि अगर आप अपनी युवावस्था के महत्व को नहीं समझे, तो जीवन में पछतावे के अलावा कुछ शेष नहीं बचता। इस अवस्‍था में ही व्‍यक्ति यश,धन, बल जो कुछ भी अर्जित करता है, वहीं बुढ़ापे में उसका सहारा बनता है। आचार्य चाणक्‍य ने अपने नीति शास्‍त्र में तीन चीजों को युवाओं का सबसे बड़ा दुश्‍मन बताया है और उससे दूर रहने को कहा है।

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आलस कर देता है जीवन बर्बाद

आचार्य चाणक्‍य के अनुसार, आलस सिर्फ युवाओं का ही नहीं बल्कि मानव जीवन का ही सबसे बड़ा शत्रु होता है। यह न सिर्फ समय को बर्बाद करता है, बल्कि व्‍यक्ति के पूरे जीवन को बर्बाद कर देता है। आचार्य के अनुसार युवाओं के जीवन में आलस का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। युवाओं को अपना जीवन हमेशा अनुशासन के साथ जीना ​चाहिए। अपने सोने और जागने का समय तय करना चाहिए। ताकि आलस उन पर हावी न हो सके और वे अपने मूल्यवान समय का सदुपयोग कर सकें।

नशा है सबसे बड़ा अभिशाप

चाणक्‍य नीति के अनुसार, युवाओं में नशे की आदत उनके लिए अभिशाप होती है। जो युवा नशा का आदी बन जाता है, वह अपने जीवन में सिर्फ दु:ख-दर्द ही झेलता है। नशे से आर्थिक हानि होने के साथ शारीरिक और मानसिक दोनों नुकसान भी होता है। साथ ही नशा व्यक्ति को गलत संगत में ले जाता है। नशे की लत वाला व्‍यक्ति हर तरह से सक्षम होने के बावजूद भी अपना बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाता। ऐसा व्यक्ति अपने वर्तमान के साथ अपना भविष्य भी खराब कर लेता है।

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गलत संगत कर देती है बर्बाद

आचार्य चाणक्य कहती है कि किसी भी व्‍यक्ति पर संगत का असर बहुत ज्‍यादा पड़ता है। यदि व्यक्ति गलत लोगों के बीच में उठता और बैठेता है तो उसमें में भी गलत आदतें जरूर आएंगी। इसलिए युवाओं को अपनी संगत को पूरा ध्‍यान रखना चाहिए। गलत लोग आपको लक्ष्य से भटकाते हैं और आपके जीवन को अंधकार की ओर ले जाते हैं। गलत संगत बर्बादी का कारण बनती है।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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