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Religious Leaves: तुलसी, पान और बेल सहित ये पत्ते हिंदू धर्म में माने जाते हैं पवित्र, शुभ कार्यों में होते हैं प्रयोग

Updated May 07, 2022 | 19:35 IST

Religious Leaves Importance: धार्मिक अनुष्ठान में कुछ पेडों के पत्तों का खास महत्व होता है। तुलसी, आम, पान और बेल सहित कई पेड़-पौधों के पत्तों के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। आइये जानते हैं हिंदू धर्म में पूजा में प्रयोग होने वाले पत्तों के बारे में।

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धार्मिक पत्तों का महत्व
मुख्य बातें
  • पूजनीय और पवित्र होते हैं कई पेड़ों के पत्ते
  • पूजा में फल-फूल के साथ कुछ पत्तों का भी होता है विशेष महत्व
  • धार्मिक कार्यों में इस्तेमाल किए जाते हैं आम, केला और तुलसी के पत्ते

Importance Of Religious Leaves: देवी-देवताओं की पूजा और धार्मिक अनुष्ठान में कई तरह की सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है। हिंदू धर्म में कई पेड़, पौधों, फल और फूल का भी विशेष महत्व होता है। पीपल, तुलसी और केले के पेड़ को पूजनीय व पवित्र माना जाता है और इनकी पूजा की जाती है। लेकिन सिर्फ पेड़ ही नहीं बल्कि ऐसे कई पेड़ों के पत्ते भी हैं जो पवित्र होते हैं और इनके बिना पूजा अधूरी होती है। धार्मिक कार्यों में पान, तुलसी,आम, केला और अशोक जैसे पत्तों का काफी महत्व होता है। जानते हैं पूजा में प्रयोग होने वाले शुभ पत्तों के बारे में।

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तुलसी

तुलसी का पौधा पवित्र और पूजनीय होता है। हिंदू धर्म के हर घर में तुलसी का पौधा पाया जाता है और इसकी पूजा की जाती है। कई पूजा-पाठ में तुलसी के पत्ते का प्रयोग किया जाता है। खासकर विष्णु भगवान की पूजा में तुलसी का पत्ता जरूर चढ़ाया जाता है। क्योंकि श्री हरि विष्णु को तुलसी का पत्ता अतिप्रिय है और इसके बिना उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है। तुलसी पत्ते में अधिक शुद्धता की क्षमता होती है। यही कारण है कि ग्रहण के समय भी ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए तुलसी पत्ता का प्रयोग किया जाता है।

बेल का पत्ता या बिल्वपत्र

हिंदू धर्म में बेल के पत्ते का भी खास धार्मिक महत्व होता है। बिल्वपत्र भगवान भोलेनाथ को अतिप्रिय है। शिवरात्रि, सावन और सोमवार पूजा में भगवान शिव को बेल के पत्ते चढ़ाए जाते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि भगवान शिवजी को कभी भी बेल की पत्तियां तोड़कर न चढ़ाएं। बल्कि इसकी टहनी तोड़ी जाती है। आमतौर पर एक टहनी में तीन बेल के पत्ते होते हैं।

पान का पत्ता

हिंदू धर्म से जुड़ी मान्यताओं के अनुसार, पान के पत्ते में कई देवी-देवताओं का वास होता है। ऐसी मान्यता है कि पहली बार समुंद मंथन के दौरान पान के पत्ते का प्रयोग किया गया था। पान का पत्ता कई पूजा-पाठ में प्रयोग होता है। खासकर कलश स्थापना करते समय पान के पत्ते की विशेषता और बढ़ जाती है।

आम का पत्ता

हिंदू धर्म से जुड़े कई पूजा-पाठ,शादी ब्याह या शुभ-मांगलिक कार्यों में आम के पत्ते का प्रयोग किया जाता है। आम ऐसा वृक्ष है, जिसके पेड़ की लकड़ियों को हवन में इस्तेमाल किया जाता है, फल को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है और इसके पत्ते को पूजा में शामिल किया जाता है।

केला पत्ता

गुरुवार को केले के वृक्ष की पूजा की जाती है। लेकिन इसके साथ ही इसके पत्ते को भी पवित्र माना जाता है और कई पूजा-पाठ के दौरान इसके पत्ते का प्रयोग किया जाता है। आम वृक्ष की तरह केले का वृक्ष भी धार्मिक दृष्टिकोण से उपयोगी होता है। इसके फल को प्रसाद के रूप में पूजा में शामिल किया जाता है। वहीं इसके पत्तों का मंडप सत्यनारायण की कथा, गृह प्रवेश या किसी विशेष अनुष्ठान के दौरान बनाया जाता है।

पीपल के पत्ते

पीपल वृक्ष की पूजा करने से शनि देव और हनुमानजी प्रसन्न होते हैं। कहा जाता है कि इस पेड़ में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। पीपल वृक्ष की पूजा करने से व्यक्ति ग्रह दोषों से मुक्त होता है। पीपल के पेड़ के साथ ही इसके पत्ते का भी विशेष महत्व होता है। शनिवार और मंगलवार के दिन पीपल के 11 पत्ते में जय श्रीराम लिखकर इसकी माला बनाकर हनुमानजी को पहनाने से वे प्रसन्न होते हैं।

अशोक के पत्ते

अशोक के पत्तों को हिंदू धर्म में शुभ माना जाता है। अशोक का अर्थ होता है- कोई शोक न होना। इसलिए किसी भी शुभ व मांगलिक कार्यों में इसके पत्ते की माला बनाकर घर के मुख्य द्वार पर लगाया जाता है। घर पर अशोक का पेड़ लगाना बेहद शुभ होता है।

(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है।)

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