- भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को हुआ था भगवान वामन का जन्म
- भगवान वामन ने राजा बलि का घमंड तोड़ने के लिए तीन कदमो में नाप दिया था तीनों लोक
- वामन भगवान विष्णु के पहले ऐसे अवतार थे जो मनुष्य के रूप में प्रकट हुए
Vaman Jayanti 2021 : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को वामन द्वादशी या वामन जयंती के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन त्रेता युग में श्रवण नक्षत्र के अभिजीत मुहूर्त में श्री हरि भगवान विष्णु के पांचवे अवतार वामन का जन्म हुआ था। वामन भगवान विष्णु के दशावतार में से पांचवे और त्रेता युग के पहले अवतार थे। साथ ही वह भगवान विष्णु के पहले ऐसे अवतार थे जो मनुष्य के रूप में प्रकट हुए। पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी अदिति के यहां जन्में भगवान वामन ने राजा बलि का घमंड तोड़ने के लिए तीन कदमो में तीनों लोक नाप दिया था। इस दिन व्रत कर विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से पूर्व में हुए ज्ञात अज्ञात पापों का नाश होता है। ऐसे में आइए जानते हैं साल 2021 में वामन जयंती की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व।
कब है वामन जयंती 2021, vaman jayanti 2021
इस बार वामन जयंती का पावन पर्व 17 सितंबर दिन शुक्रवार को है। इस दिन व्रत कर विधि विधान से श्री हरि भगवान विष्णु के पांचवे अवतार वामन जी की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और समस्त दुखों का नाश होता है। आइए जानते हैं वामन द्वादशी का शुभ मुहूर्त।
वामन जयंती 2021 शुभ मुहूर्त, vaman jayanti 2021 Muhurat
एकादशी व्रत की शुरुआत : 17 सितंबर 2021 दिन शुक्रवार, 9:36 AM से
एकादशी व्रत की समाप्ति : 18 सितंबर दिन शनिवार, 8:07 AM तक।
वामन जयंती का महत्व, Vaman Jayanti mahatva and significance
सनातन हिंदु धर्म में वामन एकादशी का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत कर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और विशेष फल की प्राप्ति होती है। हिंदु शास्त्रों के अनुसार श्रवण नक्षत्र होने पर वामन जयंती का महत्व बढ़ जाता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा के साथ इस दिन भगवान वामन की पूजा अर्चना करता है उसे सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।