- बाथरूम साफ और रोगाणु मुक्त होना चाहिए
- बाथरूम का वास्तु दोष परिवार के सभी सदस्यों पर असर डालता है
- माना जाता है कि बाथरूम से सबसे अधिक वास्तु दोष का डर रहता है
Vastu Tips For Bathroom: वास्तु का हमारे जीवन में काफी प्रभाव पड़ता है। वास्तु की दृष्टि सिर्फ घर में ही नहीं बल्कि घर के हर एक कोने पर रहती है। घर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बाथरूम का होता है। कहते हैं बाथरूम साफ और रोगाणु मुक्त होना चाहिए, क्योंकि गंदा बाथरूम का प्रभाव हमारे स्वास्थ्य में पड़ता है। इसके अलावा बाथरूम वास्तु दोष से प्रभावित होता है, तो उसका असर भी परिवार के सभी सदस्यों पर पड़ता है। माना जाता है कि बाथरूम से सबसे अधिक वास्तु दोष का डर रहता है। इसलिए बाथरूम में वास्तु का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा घर बनाते समय भी बाथरूम की दिशा का भी जरूर ध्यान में रखना चाहिए, वरना इससे धन संबंधी समस्याओं पर बुरा असर पड़ता है। आइए जानते हैं बाथरूम की सही दिशा व कुछ ध्यान रखने योग्य बातें...
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शीशे की कटोरी में रखें नमक
वास्तु के अनुसार बाथरूम में शौचालय व स्नानघर दोनों अलग अलग होने चाहिए। लेकिन किसी घरों में कम जगह होने के कारण एक साथ होता है इसके लिए भी वास्तु के हल है। ऐसे में इस तरह के दोष को दूर करने के लिए शौचालय में शीशे की कटोरी में नमक भरकर रखना चाहिए और सप्ताह में इसे बदलते रहना चाहिए।
इस दिशा में लगाएं शीशा
हर किसी के बाथरूम में शीशा जरूर मिलेगा। ऐसे में शीशे की सही दिशा के बारे में जरूर ध्यान रखना चाहिए। वास्तु के अनुसार घर में उत्तर पूर्व दिशा में शौचालय और स्नान घर है तो बाहरी दीवार पर उत्तर या पूर्व की ओर एक आइना लगाना चाहिए।
इस दिशा में होना चाहिए शॉवर, नल व इलेक्ट्रॉनिक चीजें
अगर बाथरूम में इलेक्ट्रॉनिक चीजें हैं तो उसकी दिशा का भी विशेष ध्यान देना जरूरी है। ऐसे में दक्षिण पूर्व कोने में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगानी चाहिए। वहीं उत्तर दिशा में नल और शॉवर लगाना चाहिए। बाथटब को पूर्व पश्चिम या उत्तर पूर्व दिशा में रखना चाहिए। इसके अलावा वॉशबेसिन को उत्तर पूर्वी , उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)