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Vijaya Ekadashi Vrat katha: जानिए इस साल कब रखा जाएगा विजया एकादशी का व्रत, पौराण‍िक कहानी से जानें महत्‍व

Updated Feb 27, 2022 | 10:28 IST

Vijaya Ekadashi Vrat Katha in Hindi (विजया एकादशी व्रत कथा): विजया एकादशी का व्रत इस साल 26 फरवरी को है। इस दिन भगवान श्री विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। यहां आप विजया एकादशी व्रत की कथा हिंदी में पढ़ सकते हैं।

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विजय एकादशी की व्रत कथा
मुख्य बातें
  • फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है विजया एकादशी
  • यह व्रत भगवान श्री विष्णु को समर्पित है
  • मान्‍यता है क‍ि इस व्रत को करने से मृत्यु के उपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है

Vijaya  Ekadashi 2022 Vrat Katha in Hindi:  हिंदू पंचांग के अनुसार यह व्रत हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखी जाती है। इस साल यह व्रत 26 फरवरी (Vijaya Ekadashi 2022 date) को रखा जाएगा। हिंदू धर्म में विजय एकादशी का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान श्री विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है। माना जाता है क‍ि भगवान विष्णु का यह व्रत मरणोपरांत मोक्ष की प्राप्ति करवाता है।यदि आप विजया एकादशी का व्रत करते हैं तो यहां आप इसकी कथा हिंदी में देखकर पढ़ सकते हैं।

Vijaya  Ekadashi 2022 Vrat Katha in Hindi, विजया एकादशी व्रत की पौराणि‍क कहानी

पौराणिक कथा के अनुसार जब रावण ने माता सीता का हरण कर लिया, तो भगवान श्रीराम और उनके छोटे भाई लक्ष्मण बहुत परेशान हो गए। मां सीता के हरण को लेकर उनकी मुलाकात हनुमान जी के मित्र सुग्रीव से हुई और वह वानर सेना की मदद से रावण की लंका पर चढ़ाई करने के लिए विशाल समुद्र के तट पर गए।

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वहां जाकर भगवान श्रीराम लंका पर चढ़ाई करने के विषय में सोचने लगें। विशाल समुद्र होने के कारण लंका पर चढ़ाई करना बहुत मुश्किल था। इसलिए भगवान श्रीराम ने समुद्र से लंका पर चढ़ाई करने के लिए रास्ता मांगा। लेकिन समुंद्र ने भगवान श्रीराम को रास्ता नहीं दिया। तब श्रीराम ने ऋषि-मुनियों से इसका उपाय पूछा। भगवान श्रीराम के इस कष्ट को दूर करने के लिए ऋषि मुनियों ने भगवान श्रीराम को विजय एकादशी के व्रत के बारे में बताया।

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उन्होंने बताया कि यह व्रत सभी कार्यों में सफलता दिलाएगा। ऋषि-मुनियों की यह बात सुनकर भगवान श्री राम फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अपने वानर सेना के साथ विजया एकादशी का व्रत रखा। भगवान राम के व्रत रखने के फलस्वरूप समुंद्र ने भगवान को लंका जाने का मार्ग दे दिया। इस तरह से भगवान श्री राम ने लंका में चढ़ाई करके रावण को मार कर विजय की प्राप्ति की। तभी से हिंदू शास्त्र में विजय एकादशी का व्रत का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है क‍ि यह व्रत व्यक्ति को सभी कार्यों में सफलता दिलाता है। हालांक‍ि टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है। 

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