- आज भाई दूज के साथ चित्रगुप्त पूजा है।
- कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को चित्रगुप्त पूजा की जाती है।
- चित्रगुप्त महाराज की पूजा करने से नरक की यातनाओं से भक्तों को मुक्ति मिलती है।
Chitragupt 2021, Chitragupt Puja Aarti And Mantra Hindi Lyrics: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर चित्रगुप्त महाराज की पूजा का विधान है। वर्ष 2021 में चित्रगुप्त पूजा का पावन पर्व 6 नवंबर 2021 के दिन पड़ रहा है। सनातन धर्म के अनुसार, चित्रगुप्त देवता को बहुत विशेष माना गया है। ऐसा माना जाता है कि चित्रगुप्त महाराज मनुष्य के पापों का लेखा-जोखा करते हैं। उन्हें देवलोक में धर्म का अधिकारी और सृष्टि का प्रथम न्यायधीश कहा जाता है। चित्रगुप्त पूजा पर कलम, दवात और बहीखातों की पूजा करने का विधान है। ऐसा माना जाता है कि चित्रगुप्त पूजा पर चित्रगुप्त महाराज की पूजा करने से भक्तों को नरक की यातनाओं से मुक्ति मिलती है। इसके साथ उनके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। चित्रगुप्त पूजा के लिए यहां पढ़ें चित्रगुप्त महाराज की आरती और मंत्र।
चित्रगुप्त पूजा 2021 आरती (Chitragupt Puja 2021 Aarti)
ॐ जय चित्रगुप्त हरे, स्वामी जय चित्रगुप्त हरे।
भक्त जनों के इच्छित, फल को पूर्ण करे॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥
विघ्न विनाशक मंगलकर्ता, सन्तन सुखदायी।
भक्तन के प्रतिपालक, त्रिभुवन यश छायी॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥
रूप चतुर्भुज, श्यामल मूरति, पीताम्बर राजै।
मातु इरावती, दक्षिणा, वाम अङ्ग साजै॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥
कष्ट निवारण, दुष्ट संहारण, प्रभु अन्तर्यामी।
सृष्टि संहारण, जन दु:ख हारण, प्रकट हुये स्वामी॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥
कलम, दवात, शङ्ख, पत्रिका, कर में अति सोहै।
वैजयन्ती वनमाला, त्रिभुवन मन मोहै॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥
सिंहासन का कार्य सम्भाला, ब्रह्मा हर्षाये।
तैंतीस कोटि देवता, चरणन में धाये॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥
नृपति सौदास, भीष्म पितामह, याद तुम्हें कीन्हा।
वेगि विलम्ब न लायो, इच्छित फल दीन्हा॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥
दारा, सुत, भगिनी, सब अपने स्वास्थ के कर्ता।
जाऊँ कहाँ शरण में किसकी, तुम तज मैं भर्ता॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥
बन्धु, पिता तुम स्वामी, शरण गहूँ किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूँ जिसकी॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥
जो जन चित्रगुप्त जी की आरती, प्रेम सहित गावैं।
चौरासी से निश्चित छूटैं, इच्छित फल पावैं॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥
न्यायाधीश बैकुण्ठ निवासी, पाप पुण्य लिखते।
हम हैं शरण तिहारी, आस न दूजी करते॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे॥
चित्रकूट महाराज के मंत्र
मसिभाजनसंयुक्तं ध्यायेत्तं च महाबलम्।
लेखिनीपट्टिकाहस्तं चित्रगुप्तं नमाम्यहम्।।
ॐ श्री चित्रगुप्ताय नमः
'ॐ श्री चित्रगुप्ताय नमः' मंत्र का 108 बार जाप करना लाभदायक माना गया है।