लाइव टीवी

Bhai Dooj 2021 Vrat Katha: भाई दूज की व्रत कथा, कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को क्यों होता है त्योहार?

Updated Nov 06, 2021 | 14:42 IST

Bhai Dooj Vrat Katha: हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल यम द्वितीया कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व भाई-बहन के पवित्र बंधन और प्रेम का प्रतीक माना जाता हैं।

Loading ...
भाई दूज 2021 व्रत कथा
मुख्य बातें
  • भाई दूज को यम द्वितीया के नाम से भी बुलाया जाता है।
  • इस साल यह 6 नवंबर को मनाया जाएगा।
  • इस दिन यम देवता की पूजा करने से भाई के माथे से अकाल मृत्यु भय हट जाता है।

Bhai Dooj 2021 Vrat Katha: भाईदूज को यम द्वितीया के नाम से भी पुकारा जाता हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार यह हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह 6 नवंबर दिन शनिवार को मनाया जाएगा। मान्यता है कि इस दिन यदि भाई अपने बहन के घर भोजन करे, तो अनेकों फल की प्राप्ति होती हैं। इस दिन भगवान यम के साथ-साथ भगवान श्री कृष्ण की भी पूजा की जाती हैं।

भाई दूज के दिन बहन पूजा की थाल सजाकर अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उन्हें थाल की चीजें खिलाकर यम देवता के सामने सिर झुकार भाई के दीर्घायु की कामना करती हैं। ऐसी मान्यता है, कि इस दिन बहन की हर मुराद यम देवता जरूर पूरा करते हैं।

क्या आपको पता है कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को ही भाईदूज क्यों मनाई जाती है? अगर नहीं, तो आप इस कथा के माध्यम से यह सारी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।

भाई दूज की कथा:

पौराणिक कथा के अनुसार सूर्य देवता की पत्नी ने दो संतान को जन्म दिया। जिसमें एक पुत्र और दूसरी पुत्री थी। उन्होंने उनका नाम यम और यमुना रखा। संज्ञा भगवान सूर्यदेव का तप नहीं सहन कर पाती थीं। ऐसे में वह अपनी छाया उत्पन्न कर अपने पुत्र और पुत्री को भगवान सूर्य को देकर अपने घर चली गईं। छाया को अपने पुत्र और पुत्री से बिल्कुल स्नेह नहीं था। लेकिन भाई बहन में काफी प्रेम था।

यमुना जब बड़ी हुईं तो उसकी शादी हो गई। शादी होने के बाद वह अक्सर अपने भाइयों को अपने घर बुलाया करती थीं। लेकिन यम देवता काफी व्यस्त होने के कारण उनकी बातों को अक्सर टाल देते थे। वह उनके घर नहीं जा पाते थे। एक दिन यमुना ने अपने भाई से घर आने की काफी जिद की। उनके हट के कारण कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यम देवता को उनके घर जाना पड़ा।

यमुना ने उनका बड़े प्रेम भाव से स्वागत किया। यमुना ने अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उन्हें भोजन करवाया। बहन के इस प्रेम भाव को देखकर यमदेव बेहद प्रसन्न हुए और अपनी बहन से कहा कि तुम मुझसे कुछ मांगो। तब बहन यमुना ने अपने भाई यम देवता से यही वर मांगा कि आप हर साल इस दिन मेरे घर आया करें। 

यह सुनकर यम देवता उनकी बातों को मान लिए और उन्हें उपहार में कुछ आभूषण दिए। मान्यता है कि इस दिन बहन अगर भाई के माथे पर तिलक करें, तो भाई के सिर से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है। इसी दिन को हिंदू शास्त्र में यम द्वितीया या भाईदूज के रूप में मनाया जाता हैं।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल