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Holika Dahan Ash: होलिका दहन के बाद घर क्यों लानी चाहिए बुझी हुई राख? इन उपाय से आएगी सुख-समृद्धि

Updated Mar 28, 2021 | 06:42 IST

Holika Dahan Ash Upay 2021: होलिका दहन के बाद बुझी हुई राख को घर पर लाने की परंपरा है और शास्त्रों में इसके इस्तेमाल के साथ उपायों का भी वर्णन देखने को मिलता है।

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होलिका दहन 2021 के उपाय
मुख्य बातें
  • होलिका जलने के बाद घर लानी चाहिए बुझी हुई राख
  • जानिए कुछ ऐसे उपाय जो शुभ फल के साथ देंगे सुख-शांति
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार आग्नेय कोण पर रखनी चाहिए होली की राख

मुंबई: साल 2021 में होली का त्योहार आ रहा है और 28 और 29 मार्च को पूरे देश में इस पर्व को मनाया जाएगा। आम तौर पर होली की पहचान रंगों से खेलकर मनाए जाने वाले पर्व के रूप में रही है लेकिन पारंपरिक रूप से इसे मनाने वाले लोग इस बात को जानते हैं कि रंगों से होली खेलने को असल में धुडे़ेली बोला जाता है।

भारत के बहुत सारे हिस्सों में होली की एक और परंपरा है जिसे होलिका दहन के तौर पर जाना जाता है। इस दौरान होली जलाई जाती है, जिसमें लोग आम तौर पर लकड़ियां जलाने का काम करते हैं। इससे जुड़ी एक कथा है जो भक्त प्रहलाद से जुड़ी हुई है।

हिरण्य कश्यप नाम का राक्षस राजा भगवान में विश्वास नहीं रखता था लेकिन उसका बेटा प्रहलाद भगवान विष्णु का बड़ा भक्त था। अपने बेटे के इस रवैये से राजा इतना नाराज हुआ कि उसे मारने की कोशिश करने लगा लेकिन प्रभु कृपा से भक्त प्रहलाद बार बार बचते रहे। इसके बाद हिरण्य कश्यप ने प्रहलाद को मारने का काम अपनी बहन होलिका को सौंपा जिसे आग में ना जलने की विद्या आती थी। वह प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठी लेकिन चमत्कार हुआ, प्रहलाद बच गए और होलिका जलकर राख हो गई।

आज भी जब होली जलाई जाती है तो उसके बीच एक लकड़ी प्रहलाद के प्रतीक के रूप में रखी जाती है, जिसे होली जलाते ही निकाल लिया जाता है। इस त्यौहार का महत्व होलिका को जलाने तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसकी बुझी हुई राख को घर लाकर इससे जुड़े प्रभावशाली उपाय किए जा सकते हैं।

होलिका की राख से जुड़े उपाय:

धूल की वंदना करनी चाहिए और होलिका विभूति को यानि होली की राख को धारण करना चाहिए। साथ ही मिट्टी से स्नान करने की भी परंपरा है।

होली के दिन घर के आंगन में एक वर्गाकार आकृति बनाकर उसके मध्य में कामदेव की पूजा करनी चाहिए। प्रार्थना करते हुए कहना चाहिए- कामदेवता मुझपर प्रसन्न हों। साथ ही जितना हो सके ब्राह्मण आदि को दान करना चाहिए।

- वास्तु शास्त्र के अनुसार होली जलाने के बाद इसकी राख को लाकर घर के आग्नेय कोण, यानी दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना चाहिए। आग्नेय कोण को घर में अग्नि तत्व का सही स्थान माना जाता है और यहीं पर अपनी रसोई रखनी चाहिए।

मान्यता के अनुसार, इस दिशा में होली की राख रखने से व्यापार और व्यावसायिक जीवन में लाभ होता है और व्यक्ति उन्नति के रास्ते पर आगे बढ़ता है। ऐसा करने से घर में सुख-शांति भी बनी रहती है।

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