

- पति की सेहत और दीर्घायु होने की कामना करते हुए सुहागिनें हरितालिका तीज का व्रत करती हैं
- इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा का विधान है
- इस पवित्र व्रत के लिए कुछ नियम बताए गए हैं जिनका पालन करना जरूरी है
Hartalika Teej Vrat Niyam: भाद्र पद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरितालिका तीज का व्रत रखा जाता है। यह इसी व्रत का प्रताप माना जाता है जो देवी पार्वती को शिव जी ने अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। लिहाजा इस व्रत को सुहागिनें पति की लंबी उम्र और अच्छी सेहत की कामना के साथ रखती हैं। वहीं अच्छे वर की कामना के साथ कुंवारी लड़कियां भी हरतालिका तीज व्रत को करती हैं। अखंड सौभाग्य लाने वाले इस व्रत को रखने के कुछ नियम भी हैं।
अगर आप हरतालिका तीज का व्रत कर रही हैं तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें -
- हरितालिका तीज की पूजा गोधली बेला में की जाती है।
- व्रत में हमेशा हाथ से बनाए हुए मिट्टी के शिव,पार्वती और गणेश की पूजा करनी चाहिए।
- ये व्रत निर्जला रखना होता है। पहले तीज के व्रत से जो नियम आपने उठाएं हैं वही नियम अंत तक पालन करने होंगे।
- तीज का व्रत एक बार रखने के बाद इसे हर साल रखना होता है। यदि आप बीमार है या किसी कारणवश व्रत आगे नहीं रख सकतीं तो इस व्रत का विधिवत उद्यापन करें या व्रत अपनी सास, देवरानी को दे दें।
- व्रत के दौरान फल-जल कुछ भी ग्रहण नहीं करना होता। 24 घंटे का ये व्रत हर साल ऐसे ही पालन करना होगा।
- व्रत का संकल्प लेकर पूजा प्रारंभ करनी चाहिए। व्रत के दिन सोलह श्रृंगार करना जरूरी है।
- पूजा के पश्चात सुहाग की समाग्री को ब्राह्मण या गरीब विवाहित महिला को दें।
- व्रत वाले दिन रात में सोना वर्जित माना गया है। इस दिन रात में भजन और तीज के गीत गाते हुए भोर तक जगे रहना होता है।
- अगले दिन भोर में नहा-धो कर शिव-पार्वती और गणपति जी की पूजा करें और प्रसाद बांटने के बाद ही प्रसाद ग्रहण कर व्रत खोलें।
हरतालिका तीज व्रत पर भूल कर भी ना करें ये काम
- पति से किसी बात पर झगड़ा ना करें। हरतालिका तीज व्रत पति-पत्नी के आपसी प्रेम व विश्वास को दिखाता है।
- इस दिन किसी से अपशब्द न कहें। अगर कुछ गलत लगता भी है तो भी बात को नजरअंदाज करना बेहतर रहेगा।
- क्रोध से तो इस व्रत के दौरान दूर रहें। ये मन में वैर का भाव लाता है जो व्रत के पुण्य को प्रभावित करता है।
- मान्यता है कि व्रत रखने वाली महिलाओं को रात में सोना नहीं चाहिए। अगर आपने व्रत रखा है तो इस बात का खास ध्यान रखें।
- मान्यता है कि अगर गलती से दूध पी लिया तो अगल जन्म में सर्प योनी मिलती है। वहीं इस व्रत के दौरान पानी पीने से अगला जन्म मछली का होता है।
इस व्रत का महत्त्व बहुत ज्यादा है। इस व्रत को करने से माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पति को लंबी आयु और यश तथा प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है।