- माघ पूर्णिमा के लिए दो तिथियां हैं
- इस दिन गंगा स्नान का बहुत महत्व है
- इस दिन पूजा और व्रत भी किया जाता है
हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा का बहुत महत्व है। ये साल में एक बार आती है और इस मौके पर खास कार्य किए जाते हैं। अक्सर हिंदू धर्म में व्रत और त्योहारों की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति रहती है। इस साल माघ पूर्णिमा को लेकर भी यहीं कंफ्यूजन है। अगर आप भी माघ पूर्णिमा के लिए 8 और 9 फरवरी दोनों दिनांक सुन रहे हैं तो परेशान होना लाजमी है। ऐसे में हम आपको बताते हैं कि माघ पूर्णिमा आखिर कब है...
दरअसल इस साल माघ पूर्णिमा 8 फरवरी को प्रारंभ होगी और 9 फरवरी दोपहर तक रहेगी। 8 फरवरी यानि शनिवार को दोपहर 16:03:05 से ये शुरू होगी और 9 फरवरी यानि रविवार को 13:04:09 पर पूर्णिमा समाप्त होगी। लेकिन 9 तारीख को चूंकि नया दिन गिना जाएगा, इसलिए अधिकतर लोग 9 तारीख को ही माघ पूर्णिमा मनाएंगे। तो इस हिसाब से देखा जाए तो पूर्णिमा दोनों ही दिन है। माघ पूर्णिमा को श्रद्धालु पवित्र नदियों और सरोवर में स्नान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इससे पुण्य प्राप्त होता है और भक्तों पर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है। ये स्नान धन प्राप्ति, संतान प्राप्ति और सुख प्राप्ति के लिए किया जाता है।
माघ पूर्णिमा में स्नान का महत्व
माघ पूर्णिमा के लिए कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु खुद गंगाजल में रहते हैं। इसलिए इस दिन प्रयाग में गंगा स्नान करना चाहिए, ताकि पाप धुल जाए और सुख की प्राप्ति हो सके। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान से करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और इंसान को मोक्ष मिलता है। माघ पूर्णिमा पर व्रत भी किया जाता है। इस दिन खास तरीके से पूजा होती है।
पूजा विधि
- माघ पूर्णिमा को सुबह सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी में स्नान किया जाता है। इसके बाद सूर्य मंत्र का जाप करते हुए उन्हें अर्घ्य दिया जाता है।
- इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करें। पूजन के बाद ब्रह्मणों को भोजन करवाए और उन्हें दक्षिणा दें।
- पूजन के बाद दान का भी अपना महत्व है। आप गरीब लोगों को दान करें, जिसमें तिल या काले तिल जरूर हों।